क्या सोनू सूद ने महाराष्ट्र के 92 साल पुराने ढाबे वाले की कहानी साझा की और सम्मान जताया?

सारांश
Key Takeaways
- सोनू सूद की मानवीयता प्रेरणादायक है।
- 92 साल पुराना ढाबा परिवार की परंपरा का प्रतीक है।
- घर की खेती से ताजे उत्पाद का उपयोग होता है।
- महाराष्ट्र की संस्कृति और प्रेम को दर्शाता है।
- सोनू सूद का कोरोना काल में योगदान अद्भुत है।
मुंबई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता सोनू सूद सदैव लोगों की सहायता करने और उनके गुणों को उजागर करने में अग्रसर रहते हैं। सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के एक रेलवे स्टेशन पर 92 वर्ष पुराने एक ढाबे वाले की प्रेरणादायक कहानी को बयां किया।
यह ढाबा एक परिवार द्वारा संचालित है और इसके व्यंजन ताजगी एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं।
सोनू ने इस वीडियो में ढाबे के मालिक से संवाद करते हुए कहा, "क्या आप सच में अपने परिवार के साथ ये सभी सब्जियाँ खुद तैयार करते हैं?"
उन्होंने परिवार की मेहनत और समर्पण की प्रशंसा की, जो 92 वर्षों से इस ढाबे को प्यार से चला रहा है।
बातचीत के दौरान सोनू ने दर्शकों से कहा, "आज के युग में, जब लोग अलग-अलग व्यवसायों में लग जाते हैं, यह परिवार 92 वर्षों से एक साथ मिलकर भोजन बनाकर लोगों का दिल जीत रहा है। यह महाराष्ट्र की संस्कृति और प्रेम का प्रतीक है।"
अंत में, उन्होंने रेस्टोरेंट के मालिक से कहा, "भाऊ, आप ऐसे ही स्वादिष्ट खाना बनाते रहिए, हम बार-बार आते रहेंगे।" वीडियो के समापन पर, ढाबे के मालिक ने भी सोनू की तारीफ की। उन्होंने कहा, "कोरोना काल के दौरान सोनू सूद ने दिल्ली और अन्य शहरों में लोगों की बहुत सहायता की।" सोनू ने अपने पोस्ट के साथ लिखा, "जय महाराष्ट्र।"
सोनू सूद ने तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है। उन्हें हाल ही में फिल्म 'फतेह' में देखा गया था, जिसमें वह निर्देशक, लेखक और निर्माता भी हैं।