क्या सुभाष घई ने बड़े होने के मायने साझा किए हैं और सम्मान को करियर की पहली शर्त बताया?

सारांश
Key Takeaways
- बड़ा होना केवल उम्र बढ़ने का नहीं, बल्कि समझदारी का प्रतीक है।
- सम्मान एक सफल करियर की पहली शर्त है।
- सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि पाने की कोशिश में सही-गलत का ध्यान न रखना एक समस्या है।
- जिम्मेदारी लेना जरूरी है जब बच्चे आपसे मदद मांगते हैं।
- संबंधों में सम्मान का होना आवश्यक है।
मुंबई, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सुभाष घई नियमित रूप से सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। रविवार को उन्होंने एक पोस्ट के माध्यम से बड़े होने का असली अर्थ साझा किया।
निर्देशक ने इंस्टाग्राम पर पौधों की तस्वीर साझा की और कैप्शन में जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों पर अपने विचार रखे। घई ने कहा कि बड़ा होना केवल उम्र बढ़ने का नाम नहीं है, बल्कि यह समझदारी और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
उन्होंने लिखा, "बड़ा होने का मतलब है कि जब बच्चे आपसे सहायता मांगें, तो उन्हें सही मार्ग दिखाना। हमें उनकी गलतियों को सुधारने और उन्हें सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"
सुभाष घई ने आज के समय की एक महत्वपूर्ण समस्या पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आजकल लोग अक्सर सोशल मीडिया पर केवल प्रसिद्धि पाने के लिए सक्रिय रहते हैं। वे सही और गलत का ख्याल किए बिना केवल प्रचार पाने के लिए पोस्ट करते हैं।
उन्होंने कहा, "आजकल अजनबियों से मिलना मुश्किल हो गया है, क्योंकि लोग बिना सोच-विचार के केवल सोशल मीडिया पर दिखने के लिए कुछ भी करते हैं। भगवान उनका भला करे।"
सुभाष घई ने अपने पोस्ट में एक गहरी बात भी कही कि एक सम्मानित करियर बनाने की पहली शर्त एक-दूसरे का सम्मान करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सम्मान का भाव न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि व्यावसायिक जीवन में भी आवश्यक है। यह न केवल रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि एक व्यक्ति को समाज में सम्मानजनक स्थान भी प्रदान करता है।
सुभाष घई लंबे समय से भारतीय सिनेमा में सक्रिय हैं, और उनकी फिल्में जैसे 'कर्ज,' 'राम लखन,' और 'ताल' आज भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय हैं।
वे अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से अपने जीवन के अनुभव और विचार साझा करते हैं। उनकी यह पोस्ट भी प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। लोग उनके विचारों की सराहना कर रहे हैं और इसे अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा ले रहे हैं।