क्या सुदेश बेरी ने 'बॉर्डर' की यादें ताजा की और देशभक्ति को बड़ी जिम्मेदारी बताया?
सारांश
Key Takeaways
- सुदेश बेरी ने 'बॉर्डर' फिल्म के अनुभवों को साझा किया।
- देशभक्ति एक बड़ी जिम्मेदारी है।
- अनुशासन और निरंतरता महत्वपूर्ण हैं।
- दर्शकों का प्यार ही सफलता का मूल मंत्र है।
- हर कलाकार की अपनी भूमिका होती है।
मुंबई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वॉर ड्रामा फिल्म 'बॉर्डर' आज भी दर्शकों के मन में जीवित है। इस फिल्म के हर किरदार ने लोगों पर गहरी छाप छोड़ी है। चाहे सनी देओल का दमदार प्रदर्शन हो या सरहद पर तैनात वीर जवानों की कहानी, इसी क्रम में सुदेश बेरी ने सूबेदार मथुरा दास का किरदार निभाया था।
फिल्म में युद्ध के दौरान सनी देओल से मिली फटकार का दृश्य आज भी लोगों की यादों में ताजा है। हाल ही में सुदेश बेरी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाग लिया।
गुरुवार को अभिनेता ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया। इस पोस्ट में उन्होंने फिल्म बॉर्डर की एक पुरानी और वर्तमान की तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा, "मेरा सफर केवल मंजिल तक पहुंचने का नहीं, बल्कि समय के साथ अनुशासन, निरंतरता और आत्म-नियंत्रण का है।"
अभिनेता ने आगे कहा, "साल बदलते हैं, लेकिन सोच, संस्कार और पहचान हमेशा एक समान रहते हैं। पिछले 40 वर्षों से मैं इसी रूप और दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ता रहा हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं अपनी सफलता का श्रेय भगवान, पूर्वजों के आशीर्वाद, माता-पिता के संस्कार और दर्शकों के प्यार को देता हूं। जब ये सब सच्चे होते हैं, तो दुश्मनों से भी सम्मान मिलता है। यही जीवन की सबसे बड़ी जीत है। मैं उस बीज की तरह हूं, जो सबसे ऊँचाई पर उड़ान भरता है। वहाँ ऑक्सीजन कम होती है, इसलिए कोई दूसरा पक्षी नहीं पहुंच पाता। ऊँचाई पर वही टिकता है, जिसकी नज़र लक्ष्य पर और इरादे मजबूत होते हैं।"
अंत में, अभिनेता ने बॉर्डर फिल्म का उल्लेख करते हुए कहा, "मैंने इस फिल्म में काम किया है और इसने मुझे सिखाया है कि देशभक्ति कोई साधारण भूमिका नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। दर्शकों का विश्वास और आशीर्वाद ही मेरी असली ताकत है। जय हिंद. हर हर महादेव."
हालाँकि, सुदेश बेरी मुख्य कलाकार के रूप में विशेष पहचान नहीं बना पाए, लेकिन खलनायक और सहायक किरदारों में उन्होंने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है।