क्या बेटे ने खरीदी वही बिल्डिंग, जहां पिता प्लेटें धोते थे? संघर्ष से स्टारडम तक सुनील शेट्टी की कहानी

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क्या बेटे ने खरीदी वही बिल्डिंग, जहां पिता प्लेटें धोते थे? संघर्ष से स्टारडम तक सुनील शेट्टी की कहानी

सारांश

सुनील शेट्टी की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है। उन्होंने अपने पिता के संघर्ष को याद करते हुए उसी होटल को खरीदा जहां उनके पिता काम करते थे। जानें कैसे संघर्ष और मेहनत से सुनील ने बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई।

Key Takeaways

  • सुनील शेट्टी का संघर्ष प्रेरणादायक है।
  • पिता की मेहनत को याद करते हुए होटल खरीदा।
  • बॉलीवुड में सफल करियर का निर्माण।
  • अवॉर्ड्स और प्रशंसा प्राप्त की।
  • बच्चों ने भी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।

मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड में कुछ ऐसे सितारे होते हैं जिनकी चमक सिर्फ पर्दे तक सीमित नहीं होती, बल्कि उनके संघर्ष भी उन्हें औरों से अलग बनाते हैं। ऐसे ही एक अभिनेता हैं सुनील शेट्टी, जो केवल एक सफल अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक उत्कृष्ट इंसान, बिजनेस टायकून और सोशल वर्कर भी हैं। उनकी दमदार फिजीक, गहरी आवाज और एक्शन से भरे किरदारों के लिए उन्हें पहचाना जाता है। 90 के दशक में उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक विशेष पहचान बनाई। परंतु उनकी ज़िंदगी की सबसे महत्वपूर्ण बात केवल एक सुपरस्टार बनना नहीं है, बल्कि अपने पिता के संघर्ष को मान देना भी है।

सुनील शेट्टी का जन्म 11 अगस्त 1961 को कर्नाटक के मैंगलोर जिले के मुल्की शहर में हुआ था। वे एक मध्यमवर्गीय तुलु भाषी परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता वीरप्पा शेट्टी काम की तलाश में मुंबई आए और यहां जुहू इलाके में एक छोटे से होटल में वेटर का काम करने लगे। वे दिन-रात मेहनत करते थे, टेबल साफ करते, प्लेटें धोते और ग्राहकों को खाना परोसते... अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए वे यह सब करते थे। उस समय सुनील बच्चे थे, लेकिन अपने पिता की मेहनत और संघर्ष को नजदीक से देख रहे थे और उनके लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे।

जब सुनील शेट्टी ने अपने अभिनय के दम पर बॉलीवुड में बड़ा नाम कमाया, तो उन्होंने उसी होटल को खरीद लिया जहां उनके पिता काम करते थे। 2013 में अपने नए डेकोरेशन शोरूम को लॉन्च करते समय एक्टर ने बताया कि यह वही जगह है जहां मेरे पिता, वीरप्पा शेट्टी, वेटर के तौर पर काम करते थे और प्लेट साफ करते थे।

सुनील शेट्टी का बचपन सामान्य था। जुहू में रहने की वजह से वे अक्सर फिल्मों की शूटिंग देखा करते थे और यहीं से उनका झुकाव एक्टिंग की ओर बढ़ा। एक दिन वे फिल्म की शूटिंग देखने गए जहां अमिताभ बच्चन और जीनत अमान फिल्म 'डॉन' की शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने बिग बी से मिलना चाहा, लेकिन गार्ड्स ने रोक दिया, लेकिन जब अमिताभ की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने गार्ड्स को उन्हें अंदर लाने के लिए कहा। उस समय बच्चन साहब ने सुनील को अपना नंबर भी दिया, लेकिन सुनील ने कभी कॉल नहीं किया, यह सोचकर कि शायद यह गलत होगा। इस किस्से को उन्होंने खुद 'कौन बनेगा करोड़पति' में साझा किया था।

किसी फिल्मी बैकग्राउंड के बिना उन्होंने एक्टिंग में कदम रखा और 1992 में 'बलवान' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, जिसमें उनकी हीरोइन दिव्या भारती थीं। फिल्म सफल रही और दर्शकों ने उन्हें एक्शन हीरो के रूप में सराहा। इसके बाद उन्होंने 'वक्त हमारा है', 'मोहरा', 'गोपी किशन', 'अंत', 'दिलवाले', 'सुरक्षा', 'बॉर्डर', 'रक्षक', 'भाई', 'पृथ्वी', 'कृष्णा', 'हेरा फेरी' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। उनकी डबल रोल वाली फिल्म 'गोपी किशन' आज भी दर्शकों को पसंद है, तो वहीं 'मोहरा' ने उन्हें एक मेनस्ट्रीम स्टार बना दिया। 2000 में आई फिल्म 'धड़कन' में उनके ग्रे शेड वाले किरदार देव ने जमकर तालियां बटोरीं और इस रोल के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट विलेन अवॉर्ड से नवाजा गया।

सुनील शेट्टी ने करियर के दौरान अपने आपको केवल हीरो की भूमिका तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने विलेन, कॉमिक और कैरेक्टर रोल्स में भी खुद को साबित किया। 'मैं हूं ना' में राघवन जैसे आतंकवादी की भूमिका निभाकर उन्होंने दिखा दिया कि वे किसी भी किरदार को जीवंत बना सकते हैं। साथ ही, 'हेरा फेरी' और 'फिर हेरा फेरी' जैसी फिल्मों में उनका हास्य अभिनय भी दर्शकों को पसंद आया।

हिंदी के अलावा, उन्होंने मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु और मराठी फिल्में भी की हैं। सुनील शेट्टी केवल एक अभिनेता नहीं हैं, वे एक सफल निर्माता भी हैं। उन्होंने 'रक्त', 'खेल', 'भागम भाग' जैसे फिल्मों को प्रोड्यूस किया। इसके अतिरिक्त, वे वेब सीरीज की दुनिया में भी सक्रिय हैं। 2022 में 'धारावी बैंक' में थलाइवन की भूमिका और 2023 में 'हंटर - टूटेगा नहीं तोड़ेगा' में एसीपी विक्रम चौहान के किरदार में उनकी अदाकारी की खूब तारीफ हुई।

सुनील को उनके शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले। वे फिल्मफेयर अवॉर्ड, जी सिने अवॉर्ड, स्टारडस्ट अवॉर्ड और साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड्स से सम्मानित हो चुके हैं।

सुनील शेट्टी ने 25 दिसंबर, 1991 को माना शेट्टी से शादी की थी, जो एक गुजराती मुस्लिम फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। माना का असली नाम मोनिशा कादरी है। शादी के बाद कपल के दो बच्चे हुए, बेटी अथिया शेट्टी और बेटा अहान शेट्टी। अथिया ने बॉलीवुड में डेब्यू कर लिया है और अहान भी फिल्मी सफर पर निकल चुके हैं।

Point of View

बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे उन्होंने अपने पिता के संघर्ष को अपनाया और उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया। यह देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

सुनील शेट्टी का जन्म कब हुआ था?
सुनील शेट्टी का जन्म 11 अगस्त 1961 को हुआ था।
सुनील शेट्टी ने किस फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की?
सुनील शेट्टी ने 1992 में 'बलवान' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की।
सुनील शेट्टी ने कितने पुरस्कार जीते हैं?
सुनील शेट्टी को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें फिल्मफेयर अवॉर्ड और जी सिने अवॉर्ड शामिल हैं।
क्या सुनील शेट्टी के बच्चे भी फिल्म इंडस्ट्री में हैं?
हां, सुनील शेट्टी की बेटी अथिया शेट्टी ने बॉलीवुड में डेब्यू किया है और बेटा अहान शेट्टी भी फिल्मी सफर पर निकला है।
सुनील शेट्टी की पत्नी का नाम क्या है?
सुनील शेट्टी की पत्नी का नाम माना शेट्टी है।
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