क्या स्वामी राम ने विदेशों में भारतीय योग का डंका बजाया?

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क्या स्वामी राम ने विदेशों में भारतीय योग का डंका बजाया?

सारांश

स्वामी राम का जीवन एक प्रेरणा है, जिन्होंने योग को विदेशों में पहचान दिलाई। जानिए उनकी यात्रा और अद्भुत उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • स्वामी राम ने योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।
  • उन्होंने अध्यात्म और विज्ञान का समागम किया।
  • योग केवल आसन नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।
  • उनकी आत्मकथा में गहन ज्ञान और अनुभव हैं।
  • स्वामी राम का योगदान आज भी योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत को योग और ध्यान का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहाँ पर कई महान संत और योगी हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान से न केवल भारत, बल्कि सम्पूर्ण विश्व को नई दिशा दी है। स्वामी राम भी ऐसे ही एक अद्वितीय योगी थे। उन्होंने योग और अध्यात्म का डंका विदेशों में बजाया। वह पहले भारतीय योगियों में से थे जिन्होंने अमेरिका और यूरोप जाकर यह समझाया कि योग केवल आसन या कसरत नहीं, बल्कि मन, शरीर और आत्मा को एकसूत्र में जोड़ने की एक अत्यंत प्रभावी विधा है।

स्वामी राम की आत्मकथा 'लिविंग विद हिमालयन मास्टर्स' अत्यंत प्रसिद्ध है, जिसमें उनकी ज़िंदगी की कई महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं। उन्होंने अपने अनुभवों और उन साधुओं के बारे में भी लिखा है जिनसे वे हिमालय में मिले थे।

उनका जन्म 2 जुलाई, 1925 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र के छोटे से गाँव तोली में हुआ। बचपन से ही उन्हें ध्यान और साधना में गहरी रुचि थी। बहुत कम आयु में उन्होंने हिमालय की ओर रुख किया और वहाँ कई साल गुफाओं में साधना की। उनके गुरु ने उन्हें सिखाया कि कैसे अपने मन और शरीर पर पूरा नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने यह ज्ञान केवल अपने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि पूरे विश्व को इसे समझाने की जिम्मेदारी ली।

जब वे अमेरिका गए, तो वहां के वैज्ञानिकों के सामने अपने योग कौशल का प्रदर्शन किया। 1971 में टेक्सास में उन्होंने डॉक्टरों और चिकित्सा उपकरणों की निगरानी में अपने दिल की धड़कन को कुछ समय के लिए रोक दिया। उन्होंने पहले दिल की धड़कनों को 300 धड़कन प्रति मिनट तक बढ़ाया और फिर अचानक रक्त प्रवाह रोक दिया। यह देख वैज्ञानिक भी हैरान रह गए।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी प्रदर्शित किया कि वे एक ही हाथ की हथेली के दो हिस्सों का तापमान अलग-अलग कर सकते हैं। जब उन्होंने दाहिने हाथ की हथेली का तापमान एक स्थान पर ठंडा और एक स्थान पर गर्म करके दिखाया, तो यह विज्ञान के लिए एक अजूबे से कम नहीं था। साथ ही, वह अपनी इच्छा से अल्फा, थीटा और डेल्टा ब्रेन वेव्स उत्पन्न कर सकते थे, जो सामान्यतः नींद और ध्यान की विभिन्न अवस्थाओं से जुड़ी होती हैं।

Point of View

बल्कि एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है। इस दृष्टिकोण से, हमें भारतीय संस्कृति और इसके मूल्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

स्वामी राम का असली नाम क्या था?
स्वामी राम का असली नाम स्वामी रामनुज था।
स्वामी राम ने योग का प्रचार कब शुरू किया?
स्वामी राम ने 1971 में अमेरिका में योग का प्रचार शुरू किया।
स्वामी राम की आत्मकथा का क्या नाम है?
स्वामी राम की आत्मकथा का नाम 'लिविंग विद हिमालयन मास्टर्स' है।
स्वामी राम का जन्म कब हुआ?
स्वामी राम का जन्म 2 जुलाई, 1925 को हुआ।
स्वामी राम ने किस तरह का योग सिखाया?
स्वामी राम ने मन, शरीर और आत्मा के एकीकरण का योग सिखाया।