क्या खड़गे ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की?

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क्या खड़गे ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की?

सारांश

सोमवार को संसद में मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की। क्या चर्चा होगी? जानिए सरकार की प्रतिक्रिया और सदन के घटनाक्रम को।

Key Takeaways

  • पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था।
  • कांग्रेस अध्यक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की।
  • सरकार ने चर्चा के लिए सहमति दी है।
  • विपक्ष ने इस विषय पर तत्काल चर्चा की मांग की।
  • सदन में नारेबाजी के कारण कार्रवाई स्थगित हुई।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार को संसद में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग उठाई गई। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मांग करते हुए कहा कि नियम 267 के अंतर्गत राज्यसभा के अन्य सभी कार्यों को स्थगित कर सबसे पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था। उन्होंने हमले के आरोपियों में से चार आतंकवादियों के अभी तक न पकड़े जाने पर भी प्रश्न उठाया। वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि वे इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति दिन और समय तय करें, सरकार चर्चा करेगी और हर प्रश्न का उत्तर देगी। हालांकि, विपक्षी सांसद आज ही इस विषय पर चर्चा करना चाहते थे, जिसके कारण सदन में नारेबाजी होने लगी और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने हमें बताया है कि आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर उन्हें समाप्त कर दिया गया है। हमने ही नहीं बल्कि सभी पार्टियों ने सरकार को आतंकवाद के मुद्दे पर पूरा समर्थन दिया। कोई प्रश्न नहीं किया, ताकि सेना का मनोबल ऊंचा बना रहे। देश को मजबूत बनाने और एकता बनाए रखने के लिए हमने पूरा समर्थन दिया, लेकिन पहलगाम हमले के आतंकवादी पकड़े नहीं गए। जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह एक इंटेलिजेंस फेल्योर था।

कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, उप सेना प्रमुख और एक वरिष्ठ डिफेंस अटैची ने बेहद संवेदनशील खुलासे किए हैं। पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सदन में जानकारी रखी जानी चाहिए। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता कराने का मुद्दा भी सदन के समक्ष उठाया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अब तक 24 बार अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप कह चुके हैं कि उनके हस्तक्षेप से भारत और पाकिस्तान का यह युद्ध समाप्त हुआ है।

खड़गे का कहना था कि ट्रंप बार-बार यह कहते हैं कि आ रहे हैं, और कांग्रेस पार्टी की ओर से खड़गे ने इस बार अपनी आपत्ति दर्ज की। वहीं इसके जवाब में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि देश की आजादी के बाद से आज तक इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए सहमत है।

उन्होंने कहा कि सभापति इस चर्चा का दिन और समय तय करें। हम पूरी चर्चा के लिए तैयार हैं। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सरकार पहले ही इस विषय पर चर्चा के लिए अपनी सहमति दे चुकी है। मुझे इस संबंध में राज्यसभा सभा सदस्य का प्रस्ताव भी मिला है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सदन के नेता और अन्य सांसदों से विचार-विमर्श के बाद इस विषय पर चर्चा के लिए एक दिन और समय तय किया जाएगा। हालांकि, विपक्षी सांसद राज्यसभा चेयरमैन के इस बयान से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने प्रधानमंत्री सदन में आने के नारे लगाना शुरू कर दिया। सदन में बढ़ते हंगामे को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित कर दी।

Point of View

बल्कि यह राजनीतिक संवाद और एकता के लिए भी महत्वपूर्ण है। सभी पक्षों को मिलकर इस पर विचार करना चाहिए, ताकि जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

पहलगाम आतंकी हमला कब हुआ?
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था।
ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर एक सैन्य कार्यवाही है जो आतंकवादियों के खिलाफ की गई है।
इस विषय पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है?
सरकार चर्चा के लिए तैयार है और हर प्रश्न का उत्तर देने का वादा करती है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?
उन्होंने आतंकवादियों के पकड़े न जाने पर प्रश्न उठाए और चर्चा की मांग की।
संसद में क्या हुआ?
विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की जिससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।