क्या नहीं रहे 'साहोरे बाहुबली' लिखने वाले गीतकार शिव शक्ति दत्ता?

सारांश
Key Takeaways
- शिव शक्ति दत्ता ने तेलुगू सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी।
- उनके गीतों में पौराणिकता और गहराई थी।
- उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों के लिए गाने लिखे।
- उनका निधन कला और साहित्य की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान है।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तेलुगू सिनेमा ने आज एक महान कलाकार को खो दिया है। प्रख्यात संगीतकार एमएम कीरवानी के पिता और प्रसिद्ध गीतकार शिव शक्ति दत्ता का निधन हो गया है। उन्होंने 92 वर्ष की आयु में हैदराबाद के मणिकोंडा स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे।
शिव शक्ति दत्ता केवल गीतकार नहीं, बल्कि तेलुगू सिनेमा में पटकथा लेखक, निर्देशक और निर्माता भी थे। उनकी मृत्यु से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके प्रशंसक सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।
उनके निधन पर अभिनेता और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सोशल मीडिया पर लिखा, "श्री शिव शक्ति दत्ता के निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुःख हुआ। वह कला और साहित्य के सच्चे प्रेमी थे। उनके गीतों में संस्कृत और तेलुगू का अद्भुत मिश्रण था। मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है।"
मेगास्टार चिरंजीवी ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की और तेलुगू में श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, "श्री शिव शक्ति दत्ता एक चित्रकार, संस्कृत विद्वान, लेखक और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनकी मृत्यु की खबर से मैं बहुत हैरान हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति मिले... मैं अपने मित्र और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ।"
शिव शक्ति दत्ता ने अपने करियर में 'बाहुबली', 'आरआरआर', 'मगधीरा', 'राजन्ना' और 'श्रीरामदासु' जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए गाने लिखे। उनके लिखे गीतों में पौराणिकता की गहराई और भावनाएं देखने को मिलती हैं। 'साहोरे बाहुबली', 'रामम राघवम', 'ममता थल्ली' और 'अम्मा अवनी' जैसे गीत आज भी दर्शकों के दिलों में बसे हुए हैं।
दत्ता ने निर्देशन और पटकथा लेखन में भी अपनी किस्मत आजमाई थी। उन्होंने 'चंद्रहास' का निर्देशन किया और नागार्जुन की फिल्म 'जानकी रामुडु' के साथ पटकथा लेखन में भी योगदान दिया।