क्या आप जानते हैं दिवाली से पहले भक्ति गीत ‘जहां श्री राम रहते हैं’ रिलीज हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- भक्ति गीत 'जहां श्री राम रहते हैं' रिलीज हुआ है।
- इस गीत को गायक ऋषि सिंह ने गाया है।
- गीत के बोल मनोज मुंतशिर शुक्ला ने लिखे हैं।
- गाने का संगीत कुंवर अशिष्ट ने तैयार किया है।
- यह गीत दिवाली के अवसर पर भक्तों के लिए एक उपहार है।
मुंबई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। टी-सीरीज हमेशा अपने प्रशंसकों के लिए अनोखे और मनमोहक गाने प्रस्तुत करता है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित करते हैं। जैसे-जैसे दीपावली का पावन पर्व नजदीक आ रहा है, टी-सीरीज भगवान श्री राम को समर्पित भक्ति गीतों के माध्यम से भक्तों के दिलों को छूने का प्रयास कर रहा है।
शनिवार को, टी-सीरीज ने नया भक्ति गीत 'जहां श्री राम रहते हैं' प्रस्तुत किया। रिलीज होते ही इसे फैंस का भरपूर प्यार मिला। इस गाने के मधुर बोलों ने भक्तों को गहराई से छुआ।
टी-सीरीज ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर लिखा, "'जहां श्री राम रहते हैं, वहां शांति और सुख का वास होता है। भक्ति गीत 'जहां श्री राम रहते हैं' रिलीज हो गया है।"
यह गीत भगवान राम की महिमा और उनकी नगरी अवध की पवित्रता को दर्शाता है। गीत की प्रस्तुति इतनी प्रभावशाली है कि यह श्रोताओं को भक्ति के रंग में सराबोर कर रही है।
इस भक्ति गीत को गायक ऋषि सिंह ने अपनी मधुर आवाज में गाया है। गीत के बोल प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला ने लिखे हैं, जो अपनी भावपूर्ण लेखनी के लिए जाने जाते हैं।
गाने का संगीत कुंवर अशिष्ट ने तैयार किया है, जिसने इस गीत को और भी आध्यात्मिक और मधुर बना दिया है। गाने के वीडियो में मनोज मुंतशिर शुक्ला स्वयं गीत के बोल पर लिपसिंक करते दिख रहे हैं, जो दर्शकों को और आकर्षित कर रहा है।
गीत में अवध नगरी की महिमा का खूबसूरती से वर्णन किया गया है। एक बोल में तुलसीदास जी का उल्लेख करते हुए कहा गया है, "अवध की धूल चंदन है, ये तुलसीदास कहते हैं।" यह पंक्ति भगवान राम की नगरी की पवित्रता और भक्ति की गहराई को दर्शाती है। सरल और हृदयस्पर्शी शब्दों का उपयोग हर श्रोता को भक्ति के रास्ते पर ले जाता है।
यह गीत न केवल भक्ति रस से भरा है, बल्कि दीपावली के अवसर पर भक्तों के लिए एक विशेष उपहार है। इससे पहले भी टी-सीरीज ने भक्ति गीत 'राम जानकी' रिलीज किया था।