क्या ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म ने देश का माहौल बिगाड़ने का काम किया?

Click to start listening
क्या ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म ने देश का माहौल बिगाड़ने का काम किया?

सारांश

राजस्थान के कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या यह फिल्म समाज में नफरत और दंगे भड़काने का काम कर सकती है?

Key Takeaways

  • फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के गंभीर आरोप।
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई।
  • सेंसर बोर्ड की भूमिका पर सवाल उठाए गए।

मुरादाबाद, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि सेंसर बोर्ड ऐसी फिल्मों को मंजूरी देकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के लीगल एडवाइजर सैयद मौलाना काब रशीदी ने कहा, "दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह फैसला जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की मांग पर आया, जिन्होंने दावा किया कि यह फिल्म समाज में नफरत और दंगे भड़काने का काम कर सकती है। कोर्ट ने जमीयत को सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा-६ के तहत केंद्र सरकार से शिकायत दर्ज करने के लिए दो दिन का समय दिया है। केंद्र सरकार को ऐसी शिकायत मिलने पर एक सप्ताह में फैसला लेना होगा।

जमीयत का कहना है कि फिल्म का ट्रेलर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान से शुरू होता है, जिसने साल २०२२ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया था। इस बयान के बाद कई देशों ने भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाए थे और भाजपा ने नूपुर शर्मा को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था।

रशीदी ने आरोप लगाते हुए कहा, "फिल्म में दारुल उलूम देवबंद और इससे जुड़े धार्मिक नेताओं को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति का अपमान है। साथ ही पैगंबर साहब और उनसे जुड़े लोगों पर अभद्र टिप्पणियां की गई हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के २०२२ के 'हेट स्पीच' फैसले का उल्लंघन है।"

रशीदी ने कहा कि ‘कश्मीर फाइल्स’ और ‘केरल स्टोरी’ जैसी फिल्में भी विवादास्पद थीं। उन्होंने सेंसर बोर्ड पर निशाना साधते हुए कहा कि वह मनोरंजन के लिए फिल्में मंजूर करे, न कि नफरत फैलाने के लिए। जमीयत को भरोसा है कि कोर्ट से उन्हें पूरा इंसाफ मिलेगा। कोर्ट के इस फैसले को उन्होंने एक बड़ी घटना को रोकने वाला कदम बताया।

Point of View

बल्कि देश की एकता और अखंडता के लिए भी खतरा बन सकती है। यह आवश्यक है कि सिनेमा के माध्यम से समाज में सकारात्मकता और सामंजस्य का संदेश फैलाया जाए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

उदयपुर फाइल्स फिल्म का विषय क्या है?
यह फिल्म राजस्थान के कन्हैया लाल हत्याकांड पर आधारित है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सेंसर बोर्ड पर क्या आरोप लगाए हैं?
जमीयत का कहना है कि सेंसर बोर्ड ऐसी फिल्मों को मंजूरी देकर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट का इस मामले में क्या निर्णय है?
दिल्ली हाई कोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाई है।