क्या संजय राउत ने फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की? चुनाव का विरोध नहीं किया!

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।
- चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए मतदाता सूची की विसंगतियों को ठीक करना होगा।
- संजय राउत ने कभी चुनाव का विरोध नहीं किया।
- घुसपैठियों को बाहर करने की मांग की गई है।
- लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी दलों को एकजुट होना चाहिए।
मुंबई, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को महाराष्ट्र में फर्जी मतदाताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि हमने कभी भी चुनाव का विरोध नहीं किया है। हमारी हमेशा से यही मांग रही है कि सबसे पहले घुसपैठियों को बाहर निकाला जाए और उसके बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू की जाए।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग के समक्ष भी फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाया है और उनसे अनुरोध किया है कि सख्त कार्रवाई की जाए, तभी चुनावी प्रक्रिया पर चर्चा करना उचित होगा।
उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से अस्वीकार्य नहीं है कि वर्तमान में फर्जी वोटर एक चिंता का विषय बन गए हैं। इस पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने यह तय किया है कि 1 नवंबर को हम सभी चुनाव आयोग के पास जाकर उन्हें फर्जी मतदाताओं के बारे में सूचित करेंगे। हम उन्हें यह बताएंगे कि वर्तमान में फर्जी मतदाता मिलकर लोकतंत्र के सिद्धांतों को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने स्पष्ट किया कि हमने कभी भी चुनाव का विरोध नहीं किया है। हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव के पक्षधर हैं, लेकिन हमारी मांग यह है कि वर्तमान में मतदाता सूची में जो विसंगतियाँ हैं, उन्हें ठीक किया जाए। चूंकि विसंगतिपूर्ण मतदाता सूची के साथ चुनाव कराना उचित नहीं है।
उन्होंने सवाल किया कि फर्जी मतदाताओं की मौजूदगी में आप चुनाव कैसे करा सकते हैं। मैं एक बार फिर से कहता हूँ कि हमने कभी भी चुनाव का विरोध नहीं किया है। हमने हमेशा फर्जी मतदाताओं का विरोध किया है, क्योंकि मैं यह कहने में कोई संकोच नहीं करता कि ये लोग फर्जी मतदाताओं का सहारा लेकर चुनाव जीतना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाकर उन्हें बाहर निकालेगी। उनके इसी बयान को देखते हुए मेरी उनसे अपील है कि महाराष्ट्र में एक करोड़ से अधिक फर्जी मतदाता घुस चुके हैं। मेरी उनसे मांग है कि इन सभी मतदाताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इसके बाद ही चुनावी प्रक्रिया शुरू की जाए।