क्या अभिनेत्री वाहबिज दोराबजी ने तनाव के कारण एक सीरियल छोड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- तनाव के कारण स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- एक संतुलित जीवनशैली का महत्व।
- काम का दबाव कई बार कलाकारों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
- 90 के दशक का प्यार आज भी प्रासंगिक है।
- कलाकारों के लिए आराम का समय महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवी की मशहूर अभिनेत्री वाहबिज दोराबजी को ‘प्यार की एक कहानी’, ‘सरस्वती चंद्र’, और ‘बहु हमारी रजनीकांत’ जैसे धारावाहिकों के लिए जाना जाता है। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान अपने करियर के कठिन समय को याद किया।
उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार काम के तनाव के कारण उन्हें एक धारावाहिक को बीच में छोड़ना पड़ा था।
राष्ट्र प्रेस को दिए गए इंटरव्यू में वाहबिज ने कहा, “हां, मैंने एक शो बीच में ही छोड़ दिया था। मेरे जाने के कुछ दिनों बाद वह शो बंद हो गया क्योंकि वह शो मुझ पर ही आधारित था। सच कहूं तो काम के तनाव ने मुझ पर बहुत बुरा असर डाला था। मुझे मधुमेह था और यह गंभीर स्थिति तक पहुंच गया था। डॉक्टर्स ने मुझे आराम करने की सलाह दी थी। इसलिए मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।”
अपने रिश्ते की स्थिति पर बात करते हुए अभिनेत्री ने कहा, “मैं अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं। रिश्तों के मामले में मैं बहुत पुरानी सोच की हूं। मैं 90 के दशक के प्यार में विश्वास करती हूं। मुझे ऐसा साथी चाहिए जो मेरे जीवन में कुछ अर्थ जोड़े, जो मेरे बराबर का हो, महत्वाकांक्षी हो और फिर भी परिवार के प्रति समर्पित हो। मुझे आजकल के स्वाइप कल्चर से बहुत डर लगता है।”
टीवी इंडस्ट्री के व्यस्त शेड्यूल पर भी उन्होंने अपने विचार साझा किए। वाहबिज दोराबजी ने कहा, “टेलीविजन एक बहुत ही डिमांडिंग इंडस्ट्री है। जब आप इस क्षेत्र में कदम रखते हैं तो आपके सामने स्पष्ट होता है कि आपको क्या करना है। कभी-कभी प्रसारण का दबाव होता है और आप अपने प्रोडक्शन की गुणवत्ता को कम नहीं कर सकते। लेकिन सच्चाई यह है कि हमारा शरीर इतना तनाव नहीं सहन कर पाता। मेरा मानना है कि आज की दुनिया को एक संतुलित और समग्र जीवनशैली की आवश्यकता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि काम का समय सीमित किया जाए, तो कलाकारों के अभिनय में निखार आएगा, वे स्वस्थ रहेंगे, और उत्पादकता भी बढ़ेगी। इससे सभी को लाभ होगा।