क्या विद्या बालन को 'परिणीता' मिलने का कारण 'आकर्षण के नियम' था?

सारांश
Key Takeaways
- विद्या बालन का सपना 'परिणीता' के साथ शुरू हुआ।
- गाने से प्रेरणा लेकर कार्य की इच्छा जागी।
- 'आकर्षण का नियम' पर विश्वास व्यक्त किया।
- फिल्म ने उन्हें और सैफ अली खान को प्रसिद्ध किया।
- प्रदीप सरकार की उत्कृष्टता का गुणगान।
मुंबई, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री विद्या बालन ने सोमवार को खुलासा किया कि उन्हें अपनी पहली फिल्म 'परिणीता' कैसे प्राप्त हुई। इस दौरान उन्होंने फिल्म के निर्देशक प्रदीप सरकार के साथ अपने अनुभव को भी साझा किया।
विद्या ने सोमवार को अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह 'सीखो ना नैनो की भाषा पिया' गाने पर अभिनय करती नज़र आ रही हैं।
इस गाने के बारे में बात करते हुए विद्या ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार यह गाना सुना, तो वह तुरंत इसके प्रति आकर्षित हो गईं और प्रदीप सरकार जैसे कुशल निर्देशक के साथ काम करने का सपना देखने लगीं।
विद्या ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, "मुझे गानों पर लिप सिंक करना बहुत पसंद है और यह गाना मेरे दिल के करीब है। जब मैंने इसे पहली बार देखा, तो मैं प्रसून जोशी के गीत से उतनी ही प्रभावित हुई, जितनी कि इसके फिल्मांकन से। इसी समय मेरे मन में इस कुशल कहानीकार प्रदीप सरकार के साथ काम करने की इच्छा जागी।"
उन्होंने आगे बताया कि कैसे उन्हें अपनी पहली फिल्म 'परिणीता' मिली। विद्या ने कहा, "मुझे यह भी नहीं पता था कि ब्रह्मांड ने अपना जादू चलाना शुरू कर दिया है। कुछ साल बाद मुझे दादा के साथ एक विज्ञापन फिल्म मिली और फिर मुझे उनके तीन म्यूजिक वीडियो में भी काम करने का अवसर मिला। सबसे खास यह था कि 'किस्सों की चादर' एल्बम में काम करने का मौका मिला। इसके बाद, दादा ने मुझे 'परिणीता' में लॉन्च किया।"
आकर्षण के नियम का जिक्र करते हुए विद्या ने निष्कर्ष निकाला, "मुझे नहीं पता कि इसे 'आकर्षण का नियम' कहा जा सकता है या नहीं, लेकिन मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं, जैसे कि जीवन की कई अन्य चीजों के लिए।"
प्रदीप सरकार की फिल्म 'परिणीता' को हाल ही में रिलीज के 20 साल पूरे हुए हैं, इस मौके पर इसे फिर से री-रिलीज किया गया। यह फिल्म शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के 1914 के प्रतिष्ठित बंगाली उपन्यास पर आधारित है। इस फिल्म में विद्या बालन और सैफ अली खान की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया था।