क्या 'गुरु' और 'ईष्ट' का जीवन में महत्व है? प्रेमानंद महाराज ने 'विरुष्का' को बताया

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क्या 'गुरु' और 'ईष्ट' का जीवन में महत्व है? प्रेमानंद महाराज ने 'विरुष्का' को बताया

सारांश

भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और अनुष्का शर्मा ने वृंदावन में आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की। उन्होंने गुरु और इष्ट के महत्व के बारे में चर्चा की। जानिए इस भक्ति भरे पल के पीछे का संदेश क्या है।

Key Takeaways

  • गुरु का महत्व जीवन में अनिवार्य है।
  • भगवान की सेवा में विनम्रता आवश्यक है।
  • नाम जप से आत्मिक शांति मिलती है।
  • भक्ति में सच्चाई और समर्पण होना चाहिए।
  • इष्ट से गहरा आध्यात्मिक संबंध होता है।

मुंबई, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा एक बार फिर आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज से मिलने वृंदावन पहुंचे। दोनों ने मंगलवार को श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में महाराज जी से आशीर्वाद लिया और वार्तालाप भी किया। इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने दोनों को गुरु और इष्ट का महत्व भी बताया।

इस वर्ष यह विराट और अनुष्का की प्रेमानंद महाराज से तीसरी मुलाकात है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज के बाद विराट कोहली पत्नी के साथ महाराज के दर पर पहुंचे। इस दौरान दोनों बेहद भावुक और भक्ति में डूबे नजर आए।

आश्रम के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज 'भजन मार्ग ऑफिशियल' ने वीडियो को पोस्ट करते हुए यह जानकारी दी। विराट और अनुष्का सादे कपड़ों में प्रेमानंद महाराज के सामने बैठे नजर आ रहे हैं। दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं और ध्यान से उनकी बातें सुनते हैं। इस दौरान अनुष्का भावुक दिखीं, जबकि विराट शांत भाव से वार्तालाप में शामिल रहे।

प्रेमानंद महाराज ने उन्हें अपने कार्य क्षेत्र को भगवान की सेवा मानने, विनम्र रहने और नाम जप करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सफलता के बावजूद भगवान की प्राप्ति की इच्छा रखें। नाम जप हमेशा करते रहें और जिसने हमें दुनिया में भेजा, उसे देखने की लालसा मन में रखें।

अनुष्का ने कहा कि आपके पास अच्छा लगता है तो प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हम सब श्रीजी के बच्चे हैं। इसके साथ ही उन्होंने जीवन में गुरु के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा कि परम पिता यानी भगवान के लिए ऐसी इच्छा रखो कि हमें सारा सुख मिल गया है, अब हमें बस आप चाहिए, आपका दर्शन हो जाए। सारा सुख आपकी चरणों में है। जीवन में उनसे मिलने का लक्ष्य होना चाहिए। हां मगर ये बात है कि आगे मार्ग नहीं पता है कि उनसे कैसे मिलें तो इष्ट और गुरु इन्हीं की मदद से हम आगे बढ़ते हैं।

उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, "मैंने आपका हाथ पकड़ा, मगर मेरा हाथ मेरे गुरुदेव ने पकड़ा है। गुरुदेव का इष्ट ने हाथ पकड़ा है। हम सब लाइन में हैं और एक दिन वहीं, पहुंच जाएंगे।"

इष्ट से भक्त का गहरा आध्यात्मिक रिश्ता होता है। इनकी पूजा-अर्चना में मन विशेष रमता है। इष्ट किसी भी रूप हो सकते हैं, जैसे भगवान शिव, विष्णु, गणेश, श्रीराम भक्त हनुमान या मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, काली या अन्य।

विराट-अनुष्का अक्सर मंदिर और धार्मिक स्थल पर जाया करते हैं। इस साल उनकी प्रेमानंद महाराज से यह तीसरी मुलाकात है। पहले भी जनवरी और मई में उनसे मिल चुके हैं।

Point of View

बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। प्रेमानंद महाराज का संदेश हमें जीवन में सच्ची भक्ति और गुरु के महत्व को समझने में मदद करता है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

प्रेमानंद महाराज का क्या योगदान है?
प्रेमानंद महाराज आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं और भक्ति की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
विराट और अनुष्का अक्सर क्यों मिलते हैं?
वे अपनी आध्यात्मिक प्रगति के लिए प्रेमानंद महाराज से मिलते हैं।
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