क्या भारी उम्मीदों का बोझ लेकर फिल्म इंडस्ट्री में दौड़ रहे हैं जैन दुर्रानी?

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क्या भारी उम्मीदों का बोझ लेकर फिल्म इंडस्ट्री में दौड़ रहे हैं जैन दुर्रानी?

सारांश

क्या जैन दुर्रानी फिल्म इंडस्ट्री में भारी उम्मीदों का बोझ लेकर दौड़ रहे हैं? जानें उनके संघर्ष और अनुभव के बारे में। इस लेख में हम उनकी हालिया फिल्म और करियर की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।

Key Takeaways

  • उम्मीदों का बोझ उठाना चुनौतीपूर्ण है।
  • धैर्य और मेहनत सफलता के लिए जरूरी हैं।
  • फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत में लाभ और हानि दोनों मिलते हैं।
  • असली जिम्मेदारी तब आती है जब कोई आगे बढ़ता है।
  • शांत रहना महत्वपूर्ण है जब चीजें धीमी चल रही हों।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता जैन दुर्रानी वर्तमान में हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' में अपने निभाए गए किरदार के लिए दर्शकों से मिली शानदार प्रतिक्रियाओं का आनंद ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार और चाहने वालों की उम्मीदों का भार लेकर फिल्म इंडस्ट्री में दौड़ रहे हैं, जो उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं है।

जैन ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में पहले से जुड़े लोगों को शुरुआत में कुछ लाभ मिलता है, लेकिन उन पर उम्मीदों का दबाव कम होता है। ये फायदे और नुकसान एक-दूसरे को संतुलित करते हैं।

जब राष्ट्र प्रेस ने दुर्रानी से उनके अब तक के फिल्म इंडस्ट्री के अनुभव के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, "मैंने रुकावटों पर ध्यान न देकर अपने लक्ष्य पर केंद्रित किया है। मुझे पता है कि कुछ लोगों को इस दौड़ में पहले से बढ़त मिली हुई है, लेकिन मैं भारी उम्मीदों का दबाव लेकर दौड़ रहा हूं, जो आसान नहीं है।"

उन्होंने आगे कहा, "शुरुआत में किसी को भी लाभ या हानि हो सकती है, लेकिन जब कोई इंडस्ट्री में आगे बढ़ता है, तो असली जिम्मेदारी और काम की अहमियत तभी सामने आती है। इसलिए अंत में सबके लिए रास्ता बराबर हो जाता है।"

जब दुर्रानी से पूछा गया, "आपके करियर की शुरुआत में कौन-सी मुश्किलें या अहम मोड़ आए?"

इस पर अभिनेता ने कहा, "एक्टर बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीख है सब्र रखना। जब काम नहीं मिल रहा होता या चीजें धीमी चल रही होती हैं, तब घबराने की बजाय शांत रहना बहुत आवश्यक है। एक्टिंग का करियर कठिन होता है, लेकिन अगर कोई डटा रहे, तो समय के साथ अच्छा परिणाम अवश्य मिलता है।"

जैन दुर्रानी ने 'मुखबिर– द स्टोरी ऑफ अ स्पाई', 'बेल बॉटम', और 'कुछ भीगे अल्फाज' जैसी फिल्मों में भी काम किया है।

फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' की बात करें तो, इस फिल्म में शनाया कपूर और विक्रांत मैसी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जो रस्किन बॉन्ड की शॉर्ट स्टोरी 'द आइज हैव इट' से प्रेरित है।

यह फिल्म जी स्टूडियोज और मिनी फिल्म्स द्वारा बनाई गई है। इसे मानसी बागला और वरुण बागला ने प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।

Point of View

बल्कि कड़ी मेहनत और धैर्य भी आवश्यक है। उनकी बातें युवा कलाकारों के लिए प्रेरणादायक हो सकती हैं।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

जैन दुर्रानी ने कितनी फिल्मों में काम किया है?
जैन दुर्रानी ने 'मुखबिर', 'बेल बॉटम', और 'कुछ भीगे अल्फाज' जैसी फिल्मों में काम किया है।
फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' क्या है?
यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है, जो रस्किन बॉंड की शॉर्ट स्टोरी 'द आइज हैव इट' से प्रेरित है।
जैन दुर्रानी का करियर कैसा है?
जैन दुर्रानी का करियर चुनौतियों से भरा है, लेकिन उन्होंने धैर्य और मेहनत से अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा है।