आखिर क्यों अचानक आंखों के सामने छा जाता है अंधेरा?
सारांश
Key Takeaways
- ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन: अचानक खड़े होने पर रक्त दबाव में कमी होती है।
- माइग्रेन: इससे आंखों के सामने अंधेरा छा सकता है।
- ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक: यह एक गंभीर स्थिति है।
- रेटिनल डिटैचमेंट: इसे इमरजेंसी में लेना चाहिए।
- स्वास्थ्य पर ध्यान: यदि समस्या बार-बार हो, तो चिकित्सक से सलाह लें।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कभी-कभी जब हम चलते हैं या अचानक उठते हैं, तो हमें ऐसा लगता है कि हमारे सामने सब कुछ धुंधला या फिर अंधेरा छा गया है। यह अनुभव भयावह और चौंकाने वाला होता है। कुछ ही सेकंड में यह स्थिति समाप्त हो जाती है, लेकिन कभी-कभी यह अचानक होता है कि व्यक्ति को समझ नहीं आता कि उसके साथ क्या हो रहा है।
आंखों के सामने अचानक अंधेरा छा जाने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से एक मुख्य कारण है 'ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन'। जब हम लंबे समय तक बैठे या लेटे रहते हैं और अचानक खड़े होते हैं, तो शरीर का रक्त दबाव तुरंत सामान्य स्तर पर नहीं पहुँचता। ऐसे में जब खून मस्तिष्क तक कम पहुँचता है, तो आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है, सिर में चक्कर आता है और कभी-कभी चक्कर भी आ सकते हैं।
यदि यह स्थिति अधिक समय तक रहती है, तो अस्थायी बेहोशी भी हो सकती है। यह स्थिति अक्सर स्वस्थ व्यक्तियों में देखी जाती है, खासकर गर्मियों में लंबे दौड़ के बाद या यदि आप लंबे समय से पानी नहीं पीते। इसे रोकने का सरल उपाय है कि खड़े होने से पहले धीरे-धीरे शरीर को तानें और गहरी सांस लें।
इसके अलावा, माइग्रेन भी आंखों के सामने अंधेरा छाने का एक कारण हो सकता है। माइग्रेन का प्रभाव केवल सिरदर्द तक सीमित नहीं होता। कई लोग माइग्रेन के शुरू होने से पहले आंखों के सामने चमकती लकीरें, फ्लैश या अस्थायी अंधेरा महसूस करते हैं। यह आमतौर पर कुछ मिनटों तक रहता है और फिर धीरे-धीरे सामान्य दृष्टि लौट आती है।
कुछ मामलों में, यह संकेत किसी गंभीर समस्या का भी हो सकता है। ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक (मिनी-स्ट्रोक) के दौरान मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से रुक जाता है। इसके दौरान शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी, सुन्नपन या बोलने में कठिनाई भी महसूस हो सकती है। समय पर इलाज न मिलने पर स्थिति गंभीर हो सकती है।
एक अन्य गंभीर स्थिति है रेटिनल डिटैचमेंट। इसमें आंख की रेटिना अपनी जगह से हिलने लगती है। अचानक आंखों के सामने फ्लोटर्स, चमकदार रोशनी या किसी एक साइड पर पर्दा गिरने जैसा अनुभव हो सकता है। यह एक आपातकालीन स्थिति है, क्योंकि यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो दृष्टि स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती है।