क्या एल्युमिनियम फॉयल के अधिक उपयोग से सेहत को नुकसान हो सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- एल्युमिनियम का अत्यधिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- गर्म और खट्टे खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने पर एल्युमिनियम की प्रतिक्रिया तेज होती है।
- किडनी और हड्डियों के स्वास्थ्य पर एल्युमिनियम का प्रभाव पड़ सकता है।
- सही और सीमित उपयोग ही समाधान है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारी दैनिक गतिविधियों में हम कई चीजों का उपयोग करते हैं, लेकिन यह अक्सर अनजान रहते हैं कि ये हमारी सेहत के लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं। किचन में उपयोग होने वाला एल्युमिनियम फॉयल भी ऐसी ही एक सामग्री है। इसे कभी लंच बॉक्स में रोटी लपेटने, कभी खाने को ताजा रखने, और कभी ओवन या गैस पर खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन वैज्ञानिक अनुसंधान का कहना है कि इसका अत्यधिक उपयोग आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, एल्युमिनियम एक हल्की धातु है, जो तापमान और कुछ विशेष चीजों के संपर्क में आने पर प्रतिक्रिया करती है। जब हम गरम खाने या खट्टे और नमकीन पदार्थों को एल्युमिनियम फॉयल में लपेटते हैं, तो इसके छोटे कण भोजन में मिल सकते हैं। टमाटर, नींबू, सिरका, अचार या मसालेदार ग्रेवी जैसी चीजें इसकी प्रतिक्रिया को तेज कर देती हैं।
अनुसंधान में कहा गया है कि सामान्य उपयोग में इसका स्तर कम होता है, लेकिन रोजाना ऐसा करने से शरीर में एल्युमिनियम का जमाव बढ़ सकता है। आयुर्वेद इसे शरीर में जमा होने वाले विषैले तत्वों से जोड़ता है, जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
एल्युमिनियम का प्रभाव केवल पाचन तंत्र तक सीमित नहीं है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे न्यूरोटॉक्सिन कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।
एल्युमिनियम फॉयल में लिपटे भोजन से हड्डियों और किडनी से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। विज्ञान बताता है कि एल्युमिनियम शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के सही अवशोषण में रुकावट डाल सकता है। इससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। किडनी का कार्य शरीर से बेकार पदार्थों को बाहर निकालना है और एल्युमिनियम भी इसी रास्ते बाहर जाता है। लेकिन जिन लोगों की किडनी पहले से ही कमजोर होती है, उनके लिए यह अतिरिक्त बोझ बन सकता है।
आयुर्वेद में किडनी को शरीर का शोधन तंत्र माना गया है और उस पर अधिक दबाव पड़ना कई बीमारियों को जन्म दे सकता है।
सबसे बड़ा खतरा तब बढ़ता है जब एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग गरम और खट्टे खाने के साथ किया जाता है। ऑफिस या स्कूल के लिए गरम खाना सीधे फॉयल में लपेटना आम बात हो गई है, लेकिन यह आदत धीरे-धीरे हानिकारक हो सकती है। गर्मी एल्युमिनियम को अधिक सक्रिय बना देती है और भोजन में इसके कण आने की संभावना बढ़ जाती है।
इसका अर्थ यह नहीं है कि एल्युमिनियम फॉयल पूरी तरह से विषैला है या इसका उपयोग करना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। सही तरीका और सीमित उपयोग ही इसका समाधान है।