क्या अमरूद आयुर्वेद का अमृतफल है जो स्वाद और सेहत दोनों का ख्याल रखता है?
सारांश
Key Takeaways
- अमरूद में उच्च विटामिन सी की मात्रा होती है।
- यह फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो पाचन में मदद करता है।
- मधुमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त फल है।
- आयुर्वेद में इसके हर हिस्से का उपयोग किया जाता है।
- यह दिल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक है।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमरूद जिसे अमृतफलम् कहा जाता है, केवल एक साधारण फल नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य का एक अनमोल खजाना है। यह फल हमारे घरों में बहुतायत से खाया जाता है और आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों के अनुसार अत्यधिक गुणकारी माना जाता है। आयुर्वेद इसे केवल स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य का प्रतीक मानता है।
अमरूद की विशेषता इसका पोषण है। यह विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है, जो इम्युनिटी को मजबूत करता है, त्वचा को निखारता है और संक्रमणों से लड़ने में सहायता करता है। इसके साथ-साथ इसमें फाइबर, पोटैशियम और कई आवश्यक एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। यही कारण है कि इसे आजकल सुपरफ्रूट कहा जाता है।
वैज्ञानिक अध्ययन बताते हैं कि अमरूद में उपस्थित लाइकोपीन, पॉलीफेनोल्स और क्वेरसेटिन शरीर को सूजन, संक्रमण और सेल-डैमेज से बचाते हैं। ये तत्व शरीर की कोशिकाओं की सुरक्षा करते हैं और दिल, आंत और पाचन को सुधारते हैं। जिन व्यक्तियों को कब्ज या पेट से जुड़ी समस्याएँ होती हैं, उनके लिए अमरूद बहुत लाभकारी है। इसका फाइबर पाचन में सुधार करता है और पेट को हल्का रखता है।
आयुर्वेद में अमरूद केवल फल नहीं है, बल्कि इसके हर हिस्से को औषधि माना गया है। इसके पत्तों का काढ़ा दांत दर्द, मुंह के छालों, अतिसार (डायरिया) और महिलाओं की कुछ विशेष समस्याओं में उपयोगी बताया गया है। इसकी छाल और जड़ पेट की कमजोरी और उल्टी जैसी स्थितियों में फायदेमंद मानी जाती है।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप में भी अमरूद संतुलन लाने में सहायक होता है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह उपयुक्त है क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा कम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। वहीं, पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
आयुर्वेद में अमरूद को शरीर में अग्नि संतुलित करने वाला फल माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है और शरीर में ऊर्जा का सही संतुलन बनाए रखता है। यही कारण है कि इसे सम्पूर्ण स्वास्थ्य का फल कहा गया है।