क्या अर्ध-उकड़ू योगासन से घुटनों को मजबूत किया जा सकता है?

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क्या अर्ध-उकड़ू योगासन से घुटनों को मजबूत किया जा सकता है?

सारांश

अर्ध-उकड़ू योगासन, जिसे 'नी मूवमेंट' के नाम से जाना जाता है, घुटनों को मजबूत और स्वस्थ रखने का एक सरल उपाय है। इस योगासन का सही तरीका और सावधानियाँ जानें, ताकि आप इसे सुरक्षित रूप से कर सकें।

Key Takeaways

  • अर्ध-उकड़ू योगासन घुटनों को मजबूत करता है।
  • यह लचीलापन बढ़ाता है, जो जोड़ों की जकड़न को कम करता है।
  • इसका नियमित अभ्यास जोड़ों का दर्द कम कर सकता है।
  • सावधानीपूर्वक करना आवश्यक है, विशेषकर गठिया वाले लोगों के लिए।
  • इस आसन का अभ्यास घर पर भी किया जा सकता है।

नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यदि आपको घंटों घुटने मोड़कर बैठने में कठिनाई हो रही है और रोज़ाना के दर्द को सहन करना मुश्किल हो रहा है, तो अर्ध-उकड़ू योगासन या 'नी मूवमेंट' आपके लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। यह सरल योगासन न केवल आपके घुटनों को मजबूत बनाता है, बल्कि उन्हें स्वस्थ भी रखता है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने अर्ध-उकड़ू योगासन को घुटनों और कूल्हों के लिए अत्यधिक लाभकारी बताया है। यह योगासन, जिसे 'नी मूवमेंट' के नाम से भी जाना जाता है, शरीर के निचले हिस्से की ताकत और गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से घुटनों और कूल्हों के जोड़ मजबूत होते हैं, लचीलापन बढ़ता है, और मांसपेशियों का समन्वय बेहतर होता है।

अर्ध-उकड़ू योगासन को करना सरल है और इसे घर पर भी किया जा सकता है। सबसे पहले, सीधे खड़े हों और अपने पैरों को कूल्हे की चौड़ाई के बराबर रखें। अब धीरे-धीरे घुटनों को मोड़कर उकड़ू (स्क्वाट) की स्थिति में आएं, लेकिन पूरी तरह नीचे न बैठें। अपने घुटनों को आधा मोड़ें और रीढ़ को सीधा रखें। हाथों को कमर पर या सामने जोड़कर रख सकते हैं। इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रुकें, सांस को सामान्य रखते हुए। फिर धीरे-धीरे वापस खड़े हो जाएं। यह हॉफ स्क्वाट की तरह है। इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं। शुरुआती स्तर पर इसे कम दोहराव से शुरू करें और धीरे-धीरे बढ़ाएं।

यह योगासन घुटनों और कूल्हों के जोड़ों को मजबूत करता है, जिससे दैनिक गतिविधियों में आसानी होती है। यह लचीलापन बढ़ाता है, जो उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों की जकड़न को कम करने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है और उनकी कार्यक्षमता में सुधार होता है। यह उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं या जिन्हें हल्का जोड़ों का दर्द होता है।

हालांकि, इस मूवमेंट का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक है। मंत्रालय के अनुसार, इसे सावधानीपूर्वक करना चाहिए, विशेष रूप से यदि आपको गठिया की समस्या है तो। अर्ध-उकड़ू योगासन करते समय सांस पर ध्यान देना जरूरी है। सांस को सामान्य और गहरी रखें। यदि आपको गठिया, घुटनों में गंभीर दर्द, या अन्य जोड़ों की समस्या है, तो इसे करने से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लें। इसे धीरे-धीरे और सही तरीके से करें, ताकि जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आजकल की जीवनशैली में घुटनों के दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है। अर्ध-उकड़ू योगासन जैसी सरल गतिविधियाँ लोगों को इस समस्या से निपटने में मदद कर सकती हैं। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

अर्ध-उकड़ू योगासन किसके लिए फायदेमंद है?
यह योगासन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक है जो लंबे समय तक बैठते हैं या जिन्हें हल्का जोड़ों का दर्द होता है।
क्या अर्ध-उकड़ू योगासन करते समय कोई सावधानी बरतनी चाहिए?
हाँ, गठिया की समस्या वाले लोगों को इसे करने से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
इस आसन को कितनी बार करना चाहिए?
इसे 5-10 बार दोहराना चाहिए, शुरुआत में कम से शुरू करके धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।