क्या अर्जुन की छाल का रस हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है? जानें आयुर्वेद का रहस्य
सारांश
Key Takeaways
- अर्जुन की छाल हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करती है।
- यह सांस संबंधी समस्याओं में राहत देती है।
- रक्त को पतला करके हार्ट अटैक का खतरा कम करती है।
- अस्थमा में भी यह लाभकारी है।
- प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों में सांस से संबंधित समस्याएं बढ़ जाती हैं। लेकिन, इन समस्याओं के समाधान के लिए केवल एलोपैथी पर निर्भर रहना आवश्यक नहीं है। आयुर्वेद में सदियों से इस्तेमाल हो रही अर्जुन की छाल आज भी दिल और सांस के रोगियों के लिए अत्यंत विश्वसनीय उपचार मानी जाती है।
अर्जुन की छाल का रस न केवल हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, बल्कि सांस से जुड़ी समस्याओं से भी राहत प्रदान करता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने अर्जुन की छाल का नियमित सेवन करने की सलाह दी है। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है, रक्त को पतला करता है और हार्ट अटैक का खतरा कम करता है। इसके अलावा, यह अस्थमा और सांस की समस्याओं में भी अत्यधिक लाभकारी है।
अर्जुन की छाल में टर्मिनैलिक एसिड, फ्लेवोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा होती है, जो दिल की धड़कनों को नियमित करने और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
प्रकृति के इस उपहार का सेवन करने से अनेक लाभ होते हैं। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करके हार्ट फेल्योर के जोखिम को कम करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
यह रक्त को पतला करके ब्लड क्लॉट बनने से रोकता है। अस्थमा, खांसी और सांस फूलने में भी राहत प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह पाचन संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, अपच, और गैस को दूर करने में भी फायदेमंद है। यह त्वचा की चमक बढ़ाने और घावों के जल्दी भरने में भी सहायता करता है।
अर्जुन की छाल का रस सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले सेवन करना लाभदायक होता है। डॉक्टर
अर्जुन की छाल का काढ़ा प्रतिदिन लेना सुरक्षित है। आयुर्वेदाचार्य इसे प्रकृति का वरदान मानते हैं, जो स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
हालांकि, कुछ मामलों में सावधानीब्रेस्टफीडिंग