क्या नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की चार्जशीट पर फैसला सुनाएगा अदालत?
सारांश
Key Takeaways
- नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामला कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाता है।
- ईडी ने चार्जशीट दाखिल की है जो अदालत में विचाराधीन है।
- विशेष न्यायाधीश ने मामले पर निर्णय सुरक्षित रखा है।
- कांग्रेस ने आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है।
- निर्णय की संभावित तिथि आज है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत आज यह निर्णय करेगी कि क्या नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं।
इस चर्चित मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित कई अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपी ठहराया गया है।
विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने 7 नवंबर को आदेश सुरक्षित रखे थे, जब अदालत ने केस रिकॉर्ड का निरीक्षण किया था और ईडी ने अतिरिक्त स्पष्टीकरण पेश किए थे।
अदालत ने उस समय कहा था कि लेन-देन से जुड़े दस्तावेजों, कथित किराया रसीदों और फंड फ्लो पैटर्न की व्यापक जांच आवश्यक है, तभी यह निर्धारित किया जा सकेगा कि अभियोजन शिकायत पीएमएलए के तहत संज्ञान लेने की कानूनी कसौटी पर खरी उतरती है या नहीं।
ईडी का आरोप है कि कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने षड्यंत्र रचकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों पर मात्र 50 लाख रुपये में नियंत्रण प्राप्त किया। इसके लिए ‘यंग इंडियन’ नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुमत के हिस्सेदार हैं।
ईडी ने यह भी कहा है कि ‘फर्जी लेन-देन’ के माध्यम से वर्षों तक एडवांस रेंट पेमेंट दिखाए गए और कथित तौर पर नकली किराया रसीदों का उपयोग किया गया, ताकि धन के प्रवाह को संदिग्ध तरीकों से एक दिशा में मोड़ा जा सके।
हालांकि कांग्रेस नेताओं ने इन आरोपों को “अभूतपूर्व” और “असंगत” बताते हुए खारिज किया है, और कहा है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उठाया गया है।
नेशनल हेराल्ड से संबंधित विवाद ने 2012 में जोर पकड़ा था, जब भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस नेताओं ने एजेएल के अधिग्रहण में धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात किया है।
अब सभी की नजरें आज पर टिकी हैं, जब अदालत यह तय करेगी कि ईडी की चार्जशीट पर विधिवत संज्ञान लिया जाएगा या नहीं।