क्या रोजमर्रा की थकान से छुटकारा पाने के लिए आसान आयुर्वेदिक उपाय हैं?
सारांश
Key Takeaways
- थकान और कमजोरी केवल आलस्य का परिणाम नहीं हैं।
- ओज का महत्व समझें।
- भिगोए हुए बादाम और अखरोट का सेवन करें।
- रात में अश्वगंधा का दूध पिएं।
- एक्सरसाइज और पानी पीना न भूलें।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यदि आप निरंतर थकान और कमजोरी का अनुभव करते हैं, तो यह केवल आपकी आलस्य का नतीजा नहीं है। शरीर में ऊर्जा की कमी, रक्त की कमी या कमजोर पाचन भी इसके पीछे का कारण हो सकता है। आयुर्वेद में इसे ओज की कमी से जोड़ा जाता है।
ओज का अर्थ है शरीर की शक्ति और प्रतिरक्षा, जो सही पाचन और अच्छे पोषण से उत्पन्न होती है। जब भोजन ठीक से पचता नहीं है, तो शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते और थकान, कमजोरी और काम करने की इच्छा की कमी जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। इसलिए, सबसे पहले अपने खाने-पीने और पाचन पर ध्यान देना आवश्यक है।
कमजोरी को दूर करने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं। सुबह खाली पेट 5-7 भिगोए हुए बादाम और 2 अखरोट खाने से शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। यह न केवल आपको दिनभर हल्का और सक्रिय महसूस कराता है, बल्कि दिमाग को भी तरोताजा रखता है। इसके अलावा, शरीर की ताकत बढ़ाने और तनाव कम करने के लिए रात में 1 गिलास दूध में 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर पीना भी लाभकारी होता है। यह नींद को बेहतर बनाता है और पूरे शरीर की ताकत बढ़ाता है।
इन उपायों के साथ-साथ रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और पर्याप्त पानी पीना भी आवश्यक है। सुबह जल्दी उठना, ताजगी से भरी हवा में थोड़ा समय बिताना और चलना, पाचन और ऊर्जा दोनों के लिए लाभदायक होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, सही समय पर खाना खाना, भूख लगने पर हल्का-फुल्का स्नैक लेना और भारी, तैलीय या प्रोसेस्ड फूड से बचना भी कमजोरी को कम करने में मदद करता है।
इस तरह के छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर आप शरीर में ऊर्जा और ओज बढ़ा सकते हैं। धीरे-धीरे थकान कम होगी, दिनभर हल्का और सक्रिय महसूस होगा और मानसिक रूप से भी उत्साह बढ़ेगा। यदि कमजोरी बहुत अधिक है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना भी आवश्यक है।