क्या आयुष्मान भारत योजना ने स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति लाई है?

सारांश
Key Takeaways
- आयुष्मान भारत योजना का सात वर्ष पूरा हुआ।
- 55 करोड़ से ज्यादा नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं।
- यह योजना आर्थिक सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करती है।
- स्वास्थ्य देखभाल को सस्ता और सुलभ बनाने का लक्ष्य।
- दूरदर्शी नीतियों की आवश्यकता।
नई दिल्ली, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आयुष्मान भारत योजना के सात वर्ष पूरे होने के अवसर पर बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी साझा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में कहा, “आज हम आयुष्मान भारत के सात वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। यह एक ऐसी पहल थी, जिसने भविष्य की आवश्यकताओं को समझते हुए लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता और किफायती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया।”
उन्होंने कहा, “इसकी बदौलत, भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में एक क्रांति का गवाह बन रहा है। इसने वित्तीय सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया है। भारत ने दिखाया है कि कैसे पैमाने, करुणा और तकनीक मानव सशक्तीकरण को और आगे बढ़ा सकते हैं।”
केंद्र सरकार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के ‘माई गव इंडिया’ अकाउंट पर भी इस योजना का जिक्र किया।
पोस्ट में कहा गया कि शासन में सच्चा नेतृत्व भविष्य की जरूरतों का पूर्वानुमान लगाने में निहित है। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सात वर्ष पूरे होने पर, भारत एक स्वास्थ्य सेवा क्रांति का जश्न मना रहा है, जिसने 55 करोड़ से ज्यादा नागरिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा, सार्वभौमिक पहुंच और सम्मानजनक देखभाल सुनिश्चित करते हुए, स्वास्थ्य सेवाओं की नई परिभाषा गढ़ी है।
पोस्ट में आगे कहा गया है कि यह एक ऐसी योजना है, जो इस बात का खाका तैयार करती है कि कैसे दूरदर्शी नीतियां जन स्वास्थ्य की नियति को नए सिरे से लिख सकती हैं।
आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो 50 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इसमें प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक का वार्षिक कवरेज शामिल है, जो अस्पताल में भर्ती होने पर लागू होता है। इसका लक्ष्य स्वास्थ्य देखभाल को सस्ता और सुलभ बनाना है।