क्या बिहार के इन जिलों में खुलेंगे दो नए मेडिकल कॉलेज, प्रत्येक में होगी 500 बेड की क्षमता?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 2 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।
- प्रत्येक कॉलेज में 500 बेड की क्षमता होगी।
- यूजी छात्रों के लिए 100-100 सीटें उपलब्ध होंगी।
- छात्रावास और आवास की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- एनएमसी के मानदंडों के अनुसार संचालन होगा।
पटना, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में वर्ष 2026 के आगाज के साथ ही दो नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन होगा। इससे राज्य में मेडिकल कॉलेजों की कुल संख्या 15 हो जाएगी। वर्तमान में 11 जिलों में 13 मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि वैशाली के महुआ में बनकर तैयार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और आरा के भोजपुर में वीर कुंवर सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का संचालन जनवरी में शुरू किया जाएगा। इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में 500-500 बेड की क्षमता होगी। इनकी लागत क्रमशः 500 करोड़ और 543 करोड़ रुपए आंकी गई है।
खास बात यह है कि इन दोनों कॉलेजों में 100-100 की संख्या में यूजी छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा। यहां सभी छात्रों के लिए छात्रावास भवन और डॉक्टर व कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
भोजपुर और वैशाली में यह दोनों मेडिकल कॉलेज और अस्पताल नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) के मानदंडों के अनुसार संचालित होंगे, जहां जनरल मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, गाइनेकोलॉजी और आईसीयू जैसी प्रमुख सुविधाएं उपलब्ध होंगी। रोगियों के लिए इंडोर, आउटडोर, जांच, दवा आदि की सुविधाएं भी होंगी। साथ ही डेमो रूम, म्यूजियम, ऑप्टोसी ब्लॉक में उपकरणों के साथ अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
दस वर्ष पहले तक बिहार में केवल छह सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जिनमें पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच), नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच), श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) मुजफ्फरपुर, दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) दरभंगा, मगध मेडिकल कॉलेज गया और जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भागलपुर शामिल थे। हाल के दशक में राज्य के 11 जिलों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 13 हो गई है।
वर्तमान में जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, उनमें जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जेएनकेटीएमसीएच) मधेपुरा, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसी) बेतिया, भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान (बीएमआईएमएस) पावापुरी (नालंदा), गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसी, छपरा) सारण, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) पूर्णिया, श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसआरजेएमसीएच) समस्तीपुर, दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) दरभंगा, पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) पटना, नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएमसीएच) पटना, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) पटना, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एएनएमएमसीएच) गया, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) मुजफ्फरपुर और जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जेएनएमसी) भागलपुर शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शेष जिलों में भी अगले पांच वर्षों के भीतर एक-एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सीवान और बेगूसराय में लगभग 45-50 फीसदी, बक्सर, मधुबनी आदि जिलों में मेडिकल कॉलेज निर्माण का कार्य 60-80 फीसदी के बीच पूरा हो चुका है।