क्या नाशपाती डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है और दिल का भी ख्याल रखती है?
सारांश
Key Takeaways
- नाशपाती डायबिटीज के लिए एक उत्तम फल है।
- यह दिल की सेहत को भी बनाए रखता है।
- नाशपाती में उच्च मात्रा में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
- यह फल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।
- नाशपाती खाने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अक्सर डायबिटीज से ग्रसित लोगों को यह समझने में कठिनाई होती है कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। ऐसे में नाशपाती उनके लिए एक अद्भुत विकल्प साबित हो सकता है। हाल ही में एक अध्ययन ने इस बात की पुष्टि की है।
शनिवार को प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर नाशपाती में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, विटामिन के और पोटेशियम जैसे आवश्यक विटामिन और मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं।
यह फल हेल्दी कोलेस्ट्रॉल स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और दिल की बीमारियों से बचाता है। इसके साथ ही, ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने में भी सहायक है।
नाशपाती में मौजूद पोटेशियम, सामान्य ब्लड प्रेशर बनाए रखने और दिल की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक है। एंथोसायनिन जैसे यौगिक कोरोनरी आर्टरी डिजीज को रोकने में मददगार होते हैं। फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि नियमित रूप से नाशपाती खाने से स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
यह फल लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में आता है और टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए एक ताजगी भरा स्नैक के रूप में कार्य कर सकता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिदिन नाशपाती खाने से डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। फल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एंथोसायनिन ब्लड शुगर में अचानक वृद्धि को रोकने में मदद करता है।
इस फल में कॉपर और पोटेशियम जैसे आवश्यक मिनरल्स भी होते हैं, जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। ओपन हार्ट जर्नल ने एक ट्रायल के आधार पर बताया कि जिन मरीजों को 45 दिनों तक रोजाना 5 एमजी कॉपर सप्लीमेंट दिया गया, उनमें टोटल कोलेस्ट्रॉल, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम हो गया, जबकि हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटीन का स्तर बढ़ गया। इस प्रकार, नियमित रूप से नाशपाती खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिल सकती है।
नाशपाती के लाभ यहीं समाप्त नहीं होते। यह अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का खतरा भी कम कर सकती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक और क्वेरसेटिन, केम्फेरोल जैसे फ्लेवोनोइड्स दिमाग की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि नाशपाती खाने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है।
हर दिन एक नाशपाती खाने से कैंसर के खतरे को भी कम किया जा सकता है। इस फल में शक्तिशाली एंटी-कैंसर यौगिक होते हैं। बीएमसी कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन एंड थेरेपीज (2021) में प्रकाशित एक रिव्यू में पाया गया कि नाशपाती में मौजूद फ्लेवोनोइड्स और टेरपेनोइड्स में एंटी-कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुण होते हैं।