क्या गौर वर्ण वालों के लिए डायरिया जानलेवा हो सकता है?

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क्या गौर वर्ण वालों के लिए डायरिया जानलेवा हो सकता है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि गौर वर्ण वाले लोग डायरिया के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं? हाल ही में एक अध्ययन में इस पर चर्चा की गई है, जिसमें पाया गया है कि यह संक्रमण उनके लिए अधिक जानलेवा साबित हो सकता है। जानिए इस अध्ययन के बारे में और इसकी गंभीरता के बारे में।

Key Takeaways

  • गौर वर्ण के लोग डायरिया के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
  • क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल से संक्रमण की मृत्यु दर अधिक है।
  • शहरी क्षेत्रों में इस संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
  • बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग अधिक प्रभावित होते हैं।
  • संक्रमण की रोकथाम के लिए जागरूकता आवश्यक है।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में एक अध्ययन में यह बताया गया है कि गौर वर्ण के लोग डायरिया के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। इस विषय पर चर्चा अटलांटा में आयोजित आईडी वीक की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में हुई।

शोध में यह पाया गया कि गौर वर्ण के मरीजों को क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल (एक घातक बैक्टीरिया जो गंभीर और अक्सर जानलेवा डायरिया का कारण बनता है) से संक्रमित होने का खतरा अन्य नस्लों की तुलना में अधिक होता है।

अध्ययन के अनुसार, क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल इन्फेक्शन (सीडीआई) से होने वाली लगभग 84% मौतें गौर वर्ण के व्यक्तियों में होती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह संक्रमण, जो कोलन पर हमला करता है और तेज डायरिया का कारण बनता है, अन्य नस्लीय समूहों की तुलना में गौर लोगों पर अधिक गंभीर प्रभाव डालता है।

इसके विपरीत, श्याम वर्ण वाले मरीजों में मृत्यु दर केवल 8% है, जबकि हिस्पैनिक मरीजों में यह 6% से भी कम है, जो संक्रमण के घातक परिणामों में एक बड़ा नस्लीय अंतर दर्शाता है।

ये निष्कर्ष आईडी वीक की वार्षिक जॉइंट मीटिंग में प्रस्तुत किए गए। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि यह समझना बहुत आवश्यक है कि यह बैक्टीरियल संक्रमण कुछ नस्लीय समूहों को दूसरों की तुलना में अधिक गंभीरता से क्यों प्रभावित करता है।

शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल इन्फेक्शन शहरी और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में अधिक सामान्य हैं। संक्रमण से जुड़ी कुल मौतों में से लगभग 84% बड़े शहरों में हुईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शहरी आबादी को संक्रमण के संपर्क में आने या गंभीर बीमारी का अधिक खतरा है।

क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल (जिसे आमतौर पर सी.डिफ्फ के नाम से जाना जाता है) एक बैक्टीरिया है जो कोलन में जानलेवा सूजन उत्पन्न कर सकता है। यह मुख्य रूप से दूषित सतहों के संपर्क में आने या एंटीबायोटिक्स के लंबे समय तक उपयोग के कारण फैलता है, जो आंत के प्राकृतिक बैक्टीरियल संतुलन को बाधित करते हैं।

हालांकि यह संक्रमण किसी को भी हो सकता है, लेकिन बुजुर्ग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग विशेष रूप से अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।

Point of View

NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

डायरिया क्या है?
डायरिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार दस्त होती हैं, और यह संक्रमण के कारण हो सकता है।
क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल क्या है?
यह एक बैक्टीरिया है जो गंभीर डायरिया का कारण बन सकता है और अक्सर एंटीबायोटिक्स के उपयोग से फैलता है।
गौर वर्ण वालों के लिए डायरिया क्यों खतरनाक है?
अध्ययन के अनुसार, गौर वर्ण के लोगों में क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल से संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है।