क्या हरड़ सेहत का कवच है, वात-पित्त-कफ का दुश्मन?

Click to start listening
क्या हरड़ सेहत का कवच है, वात-पित्त-कफ का दुश्मन?

सारांश

हरड़, जिसे आयुर्वेद में 'अमृत तुल्य' माना जाता है, वात-पित्त-कफ के लिए एक अद्भुत उपाय है। जानें इसके अद्भुत गुण और घरेलू उपयोग।

Key Takeaways

  • हरड़ को आयुर्वेद में 'अमृत तुल्य' माना जाता है।
  • यह वात, पित्त, कफ के संतुलन में सहायक है।
  • हरड़ का सेवन कब्ज, अपच, और एसिडिटी में लाभकारी है।
  • यह वजन घटाने और डायबिटीज नियंत्रण में मदद करता है।
  • हरड़ का अधिक सेवन दस्त का कारण बन सकता है।

नई दिल्ली, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में हरड़ या हरितकी को ‘अमृत तुल्य’ औषधि माना जाता है। इसे कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने वाला सेहत का साथी और तीनों दोषों (वात-पित्त-कफ) का दुश्मन कहा जाता है।

आयुर्वेद के चरक संहिता में हरड़ के औषधीय गुणों की विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। आयुर्वेद के अनुसार, यह त्रिदोष नाशक है, यानी वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। हरड़ में पाँचों स्वाद - कसैला, अम्ल, मधुर, तीखा और कटु - होते हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं।

इसके रसायन, टैनिन्स, फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को बीमारियों से बचाते हैं और आंतरिक मरम्मत करते हैं। यह एक एडाप्टोजेनिक हर्ब है, जो शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार काम करता है।

हरड़ के घरेलू उपयोग बेहद प्रभावी हैं। आयुर्वेदाचार्य कब्ज और कमजोर लिवर के अलावा खूनी बवासीर जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों में हरड़ के सेवन की सलाह देते हैं और यह भी बताते हैं कि इसका सेवन कैसे करें। कब्ज को सौ बीमारियों की जड़ कहा जाता है। इसे दूर करने के लिए रात को सोने से पहले आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी से लें। यह एक प्राकृतिक रेचक है और आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है। साथ ही अपच और एसिडिटी की समस्या में भी कारगर है। इसके लिए एक चुटकी हरड़ चूर्ण मिश्री के साथ पानी में मिलाकर लें। पित्त दोष शांत होता है और खट्टी डकारें रुकती हैं।

आधा चम्मच हरड़ चूर्ण घी में मिलाकर लेने से मलद्वार की सूजन कम होती है, जिससे खूनी बवासीर में राहत मिलती है। लिवर को मजबूत करने के लिए सुबह १ चम्मच हरड़ चूर्ण शहद के साथ लें। विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और भूख बढ़ती है। सर्दी-जुकाम में भी हरड़ कारगर है। हरड़ को घी में भूनकर चूर्ण बनाएं और थोड़ा-सा लें। कफ पिघलता है, बलगम निकलता है और गले की सूजन कम होती है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हरड़ को रातभर पानी में भिगोकर सुबह उस पानी से आंखें धोएं। सूखापन, जलन और खुजली दूर होती है।

जिम में घंटों पसीना बहाने के बाद भी बेहतर परिणाम नहीं मिल रहे हैं तो वजन घटाने के लिए हरड़ का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए सुबह खाली पेट आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गर्म पानी के साथ लें। मेटाबॉलिज्म तेज होता है और चर्बी कम होती है। बालों को मजबूत करने और रूसी दूर करने के लिए हरड़ उबालकर उसके पानी से सप्ताह में दो बार सिर धोएं। रूसी कम होती है और जड़ें मजबूत होती हैं। मुंह के छालों में भी राहत मिलती है। इसके लिए हरड़ और इलायची का काढ़ा बनाकर कुल्ला करें। जलन और दर्द में राहत मिलती है। डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी हरड़ मददगार है। हरड़ और जामुन बीज का चूर्ण एक-एक के अनुपात में दिन में एक बार लें। ब्लड शुगर नियंत्रित होता है।

हरड़ पोषण प्रदान करने के साथ-साथ शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में सहायक है। हालांकि, अधिक मात्रा में सेवन करने से दस्त हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं, कमजोर व्यक्तियों, या डिहाइड्रेशन के दौर से गुजर रहे लोगों को वैद्य की सलाह के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए।

Point of View

एक प्राचीन औषधि है जो आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसके औषधीय गुणों की जानकारी से हर कोई लाभ उठा सकता है। यह विशेष रूप से वात-पित्त-कफ संतुलन में सहायक है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में मदद करता है।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

हरड़ का सेवन कैसे करें?
रात को सोने से पहले आधा चम्मच हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
क्या हरड़ वजन घटाने में मदद करता है?
हाँ, हरड़ का सेवन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और वजन घटाने में सहायक होता है।
क्या हरड़ गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाओं को हरड़ का सेवन करने से पहले वैद्य की सलाह लेनी चाहिए।
हरड़ का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है?
हरड़ को चूर्ण, काढ़ा या घी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
क्या हरड़ से डायबिटीज नियंत्रित होता है?
हाँ, हरड़ और जामुन के बीज का चूर्ण ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करता है।
Nation Press