क्या दिल्ली में मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है? 5 साल का रिकॉर्ड टूटा, पिछले हफ्ते 33 नए केस

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में मलेरिया के मामले पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं।
- आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर स्वास्थ्य की चिंता न करने का आरोप लगाया है।
- जागरूकता अभियान की कमी से स्थिति और गंभीर हो गई है।
- सरकार को मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- जनता की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने दिल्ली में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के बढ़ते मामलों पर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने एमसीडी की साप्ताहिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा को दिल्लीवासियों की सेहत की चिंता नहीं है। इन बीमारियों को रोकने के लिए ठोस कदम न उठाने के चलते मलेरिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली में मलेरिया के मामलों ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, पिछले हफ्ते 33 नए केस सामने आए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भाजपा सरकार को भी 'आप' सरकार की तरह जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की रोकथाम की जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से इन बीमारियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। दूसरी ओर, जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, तब हर रविवार सुबह 10 बजे 10 मिनट का जागरूकता अभियान चलता था, जिसका उद्देश्य डेंगू के बारे में लोगों को जागरूक करना था। इससे लोग मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मौसम के बारे में अवगत रहते थे और सतर्क रहते थे। उस समय लोग अपने घरों में पानी की जांच करते थे ताकि बीमारियों के फैलने से रोका जा सके।
अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी जून से कह रही है कि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की साप्ताहिक रिपोर्ट जारी होनी चाहिए। यदि ये बीमारियां महामारी बन रही हैं, तो रोजाना रिपोर्ट आनी चाहिए। लेकिन, एमसीडी इन बीमारियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों को रोकने के लिए जनता को जागरूक करना जरूरी है। जब तक लोग अपने घर की छत, कूलर, टंकी और टायरों की जांच नहीं करेंगे, तब तक मच्छरों का लार्वा खत्म नहीं होगा। दवा का छिड़काव आवश्यक है, लेकिन इसके लिए जनता का सहयोग भी चाहिए।
नारंग ने कहा कि पिछले दो हफ्तों से मलेरिया के मामले पिछले पांच सालों के सबसे अधिक हैं। इस हफ्ते कुल मामले 297 हो गए हैं, जबकि पिछले हफ्ते यह संख्या 264 थी, यानी 33 नए मामले बढ़े हैं। उन्होंने रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा हमेशा आंकड़े छिपाने की कोशिश करती है। सभी जगहों से सही आंकड़े इकट्ठा नहीं किए जाते। इस बार मई-जून से ही फॉगिंग शुरू करनी पड़ी, जबकि पहले यह सितंबर, अक्टूबर या नवंबर में होती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अंकुश नारंग ने अधिकारियों द्वारा ड्रोन से दवाइयों का छिड़काव करने की बात को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि अधिकारी रेलवे ट्रैक के आसपास दवा छिड़कने की बात कर रहे हैं, लेकिन वहां तो झुग्गियां हटा दी गई हैं। फिर वहां दवा किसके लिए छिड़की जा रही है? दिल्ली में कई जगहों पर पानी भरा हुआ है और बाढ़ की वजह से मच्छरों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सरकार इसे नियंत्रित करने में असफल साबित हो रही है। इसके अलावा, एमसीडी के डीबीसी और एमटीएस कर्मचारी 29 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। नारंग ने कहा कि भाजपा को शासन चलाना नहीं आता। दिल्ली की जनता को मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से बचाने के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है।