क्या इंदौर ट्रक हादसे के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पीड़ितों की मदद की?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की।
- लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई।
- सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन पर ध्यान देने का आश्वासन।
- साहसी लोगों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
इंदौर, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंदौर में हुए भयानक ट्रक हादसे के पश्चात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को इंदौर का दौरा किया। उन्होंने घायलों और प्रभावित परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने इस घटना को अत्यंत हृदय विदारक बताते हुए कहा कि वे इस दुखद हादसे की पीड़ा से पूरी रात बेचैन रहे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इस कठिन समय में राज्य सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवारों के साथ है। दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जबकि घायलों को एक-एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी। इसके साथ ही, घायलों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने मौके पर ही अधिकारियों को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिम्मेदारी तय करते हुए यातायात पुलिस उपायुक्त अरविंद तिवारी को पद से हटा दिया गया। इसके अलावा एसीपी सुरेश सिंह, बिजासन थाना प्रभारी एएसआई प्रेम सिंह, सुपर कॉरिडोर प्रभारी सूबेदार चंद्रेश मरावी और एरोड्रम क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक दीपक यादव को तुरंत निलंबित कर दिया गया।
इसके अतिरिक्त, हादसे के समय ड्यूटी पर तैनात चारों कांस्टेबलों को भी निलंबित करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश है कि लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोई दया नहीं दिखाई जाएगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हादसे के दौरान साहस और मानवता का परिचय देने वालों को सम्मानित करने की भी घोषणा की। कई लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जिंदगी बचाई। इनमें कांस्टेबल पंकज यादव, अनिल कोठारी और एक ऑटो चालक शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे साहसी व्यक्तियों को समाज के सामने प्रेरणा स्वरूप सम्मानित किया जाएगा।
सीएम यादव ने दोहराया कि राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही, पीड़ित परिवारों को यह आश्वासन दिया कि सरकार इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ी है और किसी को भी अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।