क्या अमित शाह ने पीएम मोदी से मिली सीख को साझा किया?

सारांश
Key Takeaways
- कार्यकर्ताओं की भलाई को प्राथमिकता दें।
- नेता का समर्पण संगठन को मजबूत बनाता है।
- समर्पण, विश्वास और अपनापन संगठन की आत्मा हैं।
- पीएम मोदी से मिली सीख को अपनाएं।
- अपने सहयोगियों के प्रति संवेदनशील रहें।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक प्रेरणादायक प्रसंग साझा किया। उन्होंने ‘मोदी स्टोरी’ के एक वीडियो को पोस्ट करते हुए बताया कि संगठन में स्वयं से पहले कार्यकर्ताओं का ध्यान रखने की सीख उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से मिली थी और यह सीख आज उनके जीवन का अहम हिस्सा बन गई है।
अमित शाह ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, "राजकोट की यात्रा का वह प्रसंग, जब पीएम मोदी ने यह महत्वपूर्ण सीख दी कि संगठन में स्वयं से पहले कार्यकर्ताओं का ध्यान रखना चाहिए। उनकी वह सीख आज मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। विश्वास, अपनापन और समर्पण, यही संगठन की आत्मा है और यही मोदी जी की सबसे बड़ी शिक्षा है।"
वीडियो में अमित शाह को प्रधानमंत्री मोदी से जुड़ी एक पुरानी घटना बताते हुए सुना जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक बार वह अहमदाबाद से राजकोट की यात्रा कर रहे थे। रात के करीब साढ़े आठ बजे वे एक कार्यकर्ता के ढाबे पर रुके। पीएम मोदी ने वहां कुछ फल और हल्का भोजन किया, जबकि साथ गए लोगों ने पेट भरकर खाना खा लिया। शाह ने कहा कि उस समय उन्हें लगा कि पीएम मोदी ने भोजन किया ही नहीं, लेकिन बाद में पता चला कि ऐसा इसलिए हुआ ताकि वे कार्यकर्ता खा सकें।
इस घटना का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने बिना बोले भी कार्यकर्ताओं को बहुत कुछ सिखाया है। जब कार्यकर्ता देखता है कि उसका नेता उसके लिए चिंतित है, तो उसमें और अधिक समर्पण से काम करने का भाव जागता है।
अमित शाह ने बताया कि यह अनुभव उनके जीवन में गहराई से उतर गया है। उन्होंने कहा कि अब जब भी वह किसी कार्यकर्ता या सहयोगी के साथ रहते हैं, तो यह सोच हमेशा रहती है कि साथी को भोजन मिला या नहीं, उसे असुविधा तो नहीं हो रही।