क्या पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन पर भाजपा नेताओं ने दी बधाई?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का 75वां जन्मदिन विशेष आयोजन है।
- भाजपा नेता अपनी बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं।
- वडोदरा में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया।
- समाज सेवा की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है।
- आदिवासी समुदाय के लिए परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
कोलकाता, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर बंगाली अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता रुद्रनील घोष समेत अन्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी है।
रुद्रनील ने कहा, "सबसे पहले मैं पीएम नरेंद्र मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। हमारे देश में अब तक जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं, सभी का अपना महत्व है और उन्होंने अच्छे कार्य करने का प्रयास किया। लेकिन जो वादे अधूरे रह गए, पीएम मोदी ने उन्हें पूरा करने का कार्य किया।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से वंचितों और आदिवासी समुदायों के लिए ऐसी परियोजनाएं आरंभ कीं, जो लोगों के अधिकारों को सुनिश्चित करती हैं। इसका प्रभाव अब स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति कर रहा है।
इसी तरह, भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने भी प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को विशेष बताया। उन्होंने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी ने नए भारत को नई दिशा और आशा दी है। यह दिन हमारे लिए बेहद खास और यादगार है। हम इस अवसर पर केवल फूल और मिठाई बांटने तक सीमित नहीं रहते हैं, बल्कि लोगों की सेवा के लिए कार्य करते हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपलक्ष्य में गुजरात के वडोदरा में 300 से अधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया। 'नमो के नाम रक्तदान' शीर्षक से आयोजित इन शिविरों में नगर प्राथमिक शिक्षा समिति, गुजरात के सभी कर्मचारी संगठनों और वडोदरा नगर निगम के कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
वडोदरा के नगर आयुक्त अरुण महेश बाबू ने भी नगर निगम कार्यालय में रक्तदान कर इस पहल का समर्थन किया। इस अवसर पर एक लाख लोगों द्वारा रक्तदान करने का संकल्प लिया गया, जिसके तहत एक ही दिन में सर्वाधिक रक्तदान का रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया।
नगर आयुक्त ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से यह अनूठा आयोजन समाज सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"
इन शिविरों में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें युवा, कर्मचारी और सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल थे। यह आयोजन न केवल रक्त की आवश्यकता को पूरा करने में सहायक होगा, बल्कि सामुदायिक एकजुटता को भी दर्शाता है।