क्या इस आयुर्वेदिक उपाय से फटी एड़ियों से छुटकारा पाया जा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- अमृतधारा का उपयोग एड़ियों के सूखापन को कम करता है।
- विटामिन सी और बी3 का सेवन त्वचा के लिए आवश्यक है।
- घरेलू उपायों से प्राकृतिक नमी मिलती है।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद के अनुसार, हमारी त्वचा हमारे शरीर के अंदर की स्थिति का संकेत देती है। जब शरीर में रूखापन बढ़ता है या पोषण की कमी होती है, तो इसका प्रभाव सबसे पहले पैरों और एड़ियों पर दिखाई देता है। आयुर्वेद में ऐसे कई घरेलू उपाय हैं, जिनके माध्यम से फटी एड़ियों में राहत मिल सकती है। यह उपाय बाजार में आसानी से मिलने वाली अमृतधारा से संबंधित है।
आयुर्वेद का मानना है कि अमृतधारा में मौजूद जड़ी-बूटियों के तत्व त्वचा की सूजन को कम करते हैं और दरारों को भरने में सहायता करते हैं। यदि आप अमृतधारा की चार बूंदें लेकर थोड़ी सी पेट्रोलियम जेली में मिलाकर रात को सोने से पहले एड़ियों पर लगाते हैं, तो एड़ियों का सूखापन धीरे-धीरे कम होने लगता है। रोजाना इसका उपयोग करने से एड़ियां मुलायम होती हैं और फटने की समस्या नहीं रहती।
फटी एड़ियों का संबंध केवल बाहरी देखभाल से नहीं है, बल्कि शरीर के अंदर पोषण की कमी से भी है। विटामिन सी और विटामिन बी3 की कमी से त्वचा कमजोर हो जाती है। जब त्वचा को सही पोषण नहीं मिलता, तो वह फटने लगती है। इसलिए आंवला, नींबू, संतरा, हरी सब्जियां और साबुत अनाज जैसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना आवश्यक है।
इसके अलावा, एड़ियों के फटने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मधुमेह, मोटापा, थायराइड और फंगल इंफेक्शन जैसी स्थितियों में भी एड़ियां अधिक फटती हैं।
अमृतधारा के अलावा, आयुर्वेद में कुछ और सरल घरेलू उपाय भी उपलब्ध हैं। नारियल तेल को हल्का गुनगुना करके रोज रात को एड़ियों पर लगाने से त्वचा को गहराई से पोषण मिलता है। गर्म पानी में थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर पैरों को कुछ देर डुबोने से त्वचा नरम हो जाती है। शहद लगाने से दरारों में दर्द कम होता है और भराव तेज होता है। पके केले को मसलकर एड़ियों पर लगाने से प्राकृतिक नमी मिलती है, जबकि चावल के आटे और शहद से हल्की स्क्रबिंग करने पर एड़ियां साफ और मुलायम बनती हैं।