इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या खाना-पीना चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- पर्याप्त नींद लेना जरूरी है।
- संतुलित आहार इम्यूनिटी की नींव है।
- आंवला और हल्दी जैसे सुपरफूड्स का सेवन करें।
- प्रोबायोटिक्स का उपयोग करें।
- हल्का व्यायाम और ध्यान तनाव को कम करते हैं।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज़ रफ़्तार और तनावपूर्ण जीवनशैली में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है। मौसम में बदलाव, प्रदूषण, मिलावटी आहार, नींद की कमी और मानसिक दबाव के कारण हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर जल्दी संक्रमणों का शिकार हो जाता है।
इम्यूनिटी हमारे शरीर की वह प्राकृतिक सुरक्षा है जो हमें वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगजनकों से बचाती है। अगर यह कमजोर हो जाए तो सर्दी-जुकाम, बुखार, एलर्जी और यहां तक कि गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अच्छी बात यह है कि अपनी जीवनशैली और खानपान में थोड़े से बदलाव करके हम बिना दवाइयों के भी इम्यून सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं।
सबसे पहले, पर्याप्त नींद लेना बेहद ज़रूरी है। रोजाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद से शरीर की टी-कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं और संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसके साथ-साथ योग और प्राणायाम का अभ्यास फेफड़ों को मजबूत बनाता है और तनाव के स्तर को घटाता है।
संतुलित आहार इम्यूनिटी की नींव है। साबुत अनाज, मौसमी फल, हरी सब्जियां, दालें और अच्छे वसा शरीर की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। विटामिन सी से भरपूर फल जैसे आंवला, संतरा, नींबू, अमरूद आदि का सेवन श्वेत रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करता है, वहीं विटामिन डी के लिए रोजाना 15-20 मिनट धूप में रहना फायदेमंद है। जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कद्दू के बीज, मूंगफली और तिल शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।
आंवला और हल्दी दोनों ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्यून कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जबकि लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षा देता है। अदरक शरीर में इंफ्लामेशन को कम करता है और संक्रमण से बचाव करता है।
प्रोबायोटिक्स जैसे दही और किण्वित खाद्य पदार्थ आंतों की सेहत (गट हेल्थ) को सुधारते हैं, जो इम्यूनिटी की पहली रक्षा पंक्ति मानी जाती है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन वायरस को निष्क्रिय करने में मदद करते हैं।
आयुर्वेदिक औषधियां जैसे गिलोय और अश्वगंधा भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत प्रभावी हैं। हल्का व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना तथा ध्यान और मेडिटेशन से तनाव कम करना इम्यूनिटी को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाता है।