क्या बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लौटाए?

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क्या बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लौटाए?

सारांश

भारतीय बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लौटाए हैं, जिससे लाखों खाताधारकों को राहत मिली है। यह जानकारी सरकार ने संसद में प्रस्तुत की। जानिए इस प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी।

Key Takeaways

  • भारतीय बैंकों ने 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लौटाए हैं।
  • सरकारी बैंकों ने 30 जून 2025 तक 58,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।
  • एसबीआई ने 16 लाख अनक्लेम्ड खातों का निपटान किया है।
  • आरबीआई का फंड स्कीम अनक्लेम्ड डिपॉजिट को प्रबंधित करता है।
  • सरकार ने 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान चलाया है।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय बैंकों ने पिछले तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट वापस कर दिए हैं। यह जानकारी सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत की गई।

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि अप्रैल 2022 से लेकर नवंबर 2025 तक बैंकों (सरकारी और निजी) ने लाखों निष्क्रिय या खो चुके खातों के सही हकदारों की पहचान की है और इन खातों में मौजूद राशि को उन तक पहुँचाया है।

भारतीय रिजर्व बैंक की डिपॉजिटर, एजुकेशन और अवेयरनेस (डीईए) फंड स्कीम के तहत, बैंकों को बचत, चालू और सावधि जमा खातों से 10 वर्षों तक अनक्लेम्ड डिपॉजिट को आरबीआई द्वारा प्रबंधित सेंट्रल फंड में स्थानांतरित करना आवश्यक है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 30 जून 2025 तक, सरकारी बैंकों ने इस फंड में 58,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की है, जिसमें अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हिस्सेदारी 19,330 करोड़ रुपए की है।

निजी बैंकों की ओर से इस फंड में 9,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये राशि सही हकदारों तक पहुंचे, आरबीआई ने बैंकों को खाताधारकों का पता लगाने, अपनी वेबसाइटों पर अनक्लेम्ड खातों की सूची प्रकाशित करने, उचित शिकायत निवारण प्रणाली बनाए रखने और मृत ग्राहकों के उत्तराधिकारियों की सक्रिय रूप से खोज करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।

अनक्लेम्ड डिपॉजिट के लिए सरकार ने अक्टूबर 2025 में 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान चलाया था।

पब्लिक सेक्टर बैंकों ने 2022 से अब तक 22 लाख से ज्यादा अनक्लेम्ड खातों का निपटान किया है और ग्राहकों या उनके कानूनी वारिसों को करीब 8,460 करोड़ रुपए लौटाए हैं।

एसबीआई इस लिस्ट में सबसे आगे है, जिसने 16 लाख से अधिक अनक्लेम्ड खातों का निपटान किया है और 3,868 करोड़ रुपए ग्राहकों या उनके कानूनी वारिसों को लौटाए हैं।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी 1,262 करोड़ रुपए से अधिक लौटाए हैं, जबकि केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने भी बड़ी राशि का निपटान किया है।

प्राइवेट बैंकों ने भी इसी दौरान करीब 11 लाख अकाउंट का निपटान किया है और करीब 900 करोड़ रुपए लौटाए हैं।

Point of View

बैंकों ने अनक्लेम्ड डिपॉजिट को सही हकदारों तक पहुँचाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। यह न केवल खाताधारकों के लिए राहत का कारण बना है, बल्कि यह बैंकों की पारदर्शिता और जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

अनक्लेम्ड डिपॉजिट क्या होते हैं?
अनक्लेम्ड डिपॉजिट वे पैसे होते हैं जो खाताधारक द्वारा कई वर्षों तक नहीं निकाले जाते हैं।
सरकारी बैंकों ने कितने अनक्लेम्ड डिपॉजिट लौटाए हैं?
सरकारी बैंकों ने 2022 से अब तक 22 लाख से ज्यादा अनक्लेम्ड खातों का निपटान किया है।
आरबीआई की भूमिका क्या है?
आरबीआई बैंकों को अनक्लेम्ड डिपॉजिट की पहचान और उन्हें सही हकदारों तक पहुँचाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
क्या निजी बैंकों ने भी अनक्लेम्ड डिपॉजिट लौटाए हैं?
जी हाँ, निजी बैंकों ने भी करीब 11 लाख अकाउंट का निपटान किया है।
सरकार का 'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान क्या है?
यह अभियान अनक्लेम्ड डिपॉजिट के बारे में जागरूकता बढ़ाने और खाताधारकों को उनके अधिकारों के बारे में बताने के लिए शुरू किया गया है।
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