क्या जींद में डॉक्टरों ने दो मिनट में डिलीवरी कर जच्चा-बच्चा की जान बचाई?

Click to start listening
क्या जींद में डॉक्टरों ने दो मिनट में डिलीवरी कर जच्चा-बच्चा की जान बचाई?

सारांश

हरियाणा के जींद जिले के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की त्वरित प्रतिक्रिया और विशेषज्ञता ने एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केवल दो मिनट में डिलीवरी कर, डॉक्टरों ने एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। जानें इस अद्भुत घटना के बारे में।

Key Takeaways

  • डॉक्टरों की तत्परता ने जच्चा और बच्चा दोनों को बचाया।
  • गर्भनाल का बाहर आना गंभीर स्थिति है।
  • सिविल अस्पताल की टीम ने उदारता से काम किया।
  • महिला का यह दूसरा बच्चा है।
  • समर्पण और कुशलता से जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।

जींद, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के जींद जिले के सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की सतर्कता और तेज कार्यशैली ने एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान बचा ली। डॉक्टरों ने जटिल परिस्थितियों के बावजूद केवल दो मिनट में सुरक्षित डिलीवरी कर एक नया इतिहास रचा। परिवार ने डॉक्टरों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने मुसीबत के समय जच्चा और बच्चा दोनों को बचाने का अद्भुत कार्य किया है।

एक 26 वर्षीय महिला प्रसव पीड़ा के चलते सिविल अस्पताल पहुंची। चेकअप के दौरान पता चला कि गर्भनाल पहले ही बाहर आ चुका है। यह एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।

गायनेकोलॉजिस्ट राशी ग्यानी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बिना देर किए महिला को खुद स्ट्रेचर पर ऑपरेशन थिएटर तक पहुंचाया। डॉक्टरों की टीम ने महज दो-तीन मिनट में नवजात को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसके बाद 20-25 मिनट के भीतर सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर मां को भी सुरक्षित कर लिया गया।

डॉक्टर राशी ने कहा, "जब महिला रुटीन चेकअप के लिए रूम में आई थीं, तभी स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हो गया। हमने देखा कि गर्भनाल बाहर आ चुका है। देर करने का सवाल ही नहीं था। हमने महिला को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट किया। हमारी टीम ने सिर्फ दो-तीन मिनट के अंदर सुरक्षित प्रसव कराया और फिर 20-25 मिनट में ऑपरेशन कर मां को भी सुरक्षित कर लिया।"

ऑपरेशन स्पेशलिस्ट मृतुंजय ने बताया कि यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण स्थिति थी। उन्होंने कहा, "गर्भनाल पहले से बाहर दिखाई दे रहा था, जिससे मां-बच्चा दोनों की जान को खतरा था। लेकिन हमारी टीम ने तत्परता और समर्पण के साथ कार्य किया, जिसके बाद मां-बच्चे दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया।"

इस असाधारण कार्य के लिए जींद के सिविल अस्पताल की टीम की पूरे इलाके में सराहना हो रही है। अस्पताल प्रशासन ने भी इसे एक मिसाल बताया है। यह उस महिला का दूसरा बच्चा है। इससे पहले एक लड़का है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन का आभार जताया।

Point of View

तो इनकी तत्परता और विशेषज्ञता से ही जिंदगियों को बचाया जा सकता है। यह घटना न केवल जींद बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

डॉक्टरों ने इतनी जल्दी डिलीवरी कैसे की?
डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने महज दो-तीन मिनट में सुरक्षित प्रसव कराया।
क्या गर्भनाल बाहर आ जाने से मां और बच्चे को खतरा होता है?
जी हां, गर्भनाल का बाहर आ जाना गंभीर स्थिति होती है और इससे मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है।
इस महिला का यह बच्चा कौन सा है?
यह महिला का दूसरा बच्चा है, इससे पहले एक लड़का है।
क्या डॉक्टरों ने सही समय पर मदद की?
हां, डॉक्टरों की तत्परता और विशेषज्ञता ने इस जटिल स्थिति में सही समय पर मदद की।
क्या इस घटना की सराहना की गई?
हां, जींद के सिविल अस्पताल की टीम की पूरे इलाके में सराहना हो रही है।