क्या अर्ध उष्ट्रासन से कमर दर्द में राहत पाई जा सकती है? तरीका जानें!

सारांश
Key Takeaways
- अर्ध उष्ट्रासन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- यह कमर दर्द में राहत देने वाला आसन है।
- पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज से राहत देता है।
- इससे मानसिक तनाव कम होता है।
- सभी उम्र के लोग इसका अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन सावधानी बरतें।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज के तेजी से बदलते जीवन में, हर कोई अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहता है। लेकिन सही खान-पान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त आराम के बिना स्वस्थ रहना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। केवल शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना ही आवश्यक नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है। जब मन और शरीर दोनों स्वस्थ होते हैं, तभी हम जीवन की कठिनाइयों का सामना बेहतर तरीके से कर पाते हैं। इसी कारण, योग को संपूर्ण दुनिया में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है। योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है, जो हमें शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर मजबूत बनाती है और बीमारियों से दूर रखती है।
हाल ही में, आयुष मंत्रालय ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक सरल लेकिन प्रभावशाली योगासन 'अर्ध उष्ट्रासन' का एक पोस्ट साझा किया। इस आसन के माध्यम से आप अपनी रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बना सकते हैं, साथ ही अपने शरीर और मन को तरोताजा कर सकते हैं।
इस आसन को करने के लिए पहले दंडासन यानी सीधे बैठने की मुद्रा अपनाएं। फिर पैरों को मोड़कर वज्रासन की स्थिति में बैठें। हाथों को कंधों के स्तर पर ऊपर उठाएं। दाहिने हाथ से दाहिने पैर की एड़ी पकड़ें और बाएं हाथ को आगे लाएं। धीरे-धीरे कमर को पीछे की ओर झुकाएं लेकिन ज्यादा पीछे न जाएं। इस स्थिति में दस सेकंड तक रहें और फिर पहले जैसी स्थिति में लौटें। अब दूसरी ओर भी इसी तरह से दोहराएं।
आयुष मंत्रालय ने इस आसन के कई फायदे बताए हैं। यह पीठ और गर्दन की ताकत बढ़ाता है। कई लोग लंबे समय तक बैठने या मोबाइल देखने के कारण गर्दन और पीठ दर्द से परेशान रहते हैं। यह आसन उनके लिए एक राहतदायक उपाय है। इसके साथ ही, यह आसन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर के सभी अंगों को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन मिलती है, जिससे शरीर तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करता है।
इसके अतिरिक्त, अर्ध उष्ट्रासन कब्ज और कमर दर्द से राहत देने में सहायक है। जब नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास किया जाता है, तो पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है। इससे कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं और पेट हल्का महसूस होता है।
यह आसन मानसिक तनाव को भी कम करता है। जब शरीर स्वस्थ रहता है, तो मन भी खुश और शांत रहता है।
आयुष मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि आपको कमर या घुटनों में कोई समस्या है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इस आसन का अभ्यास न करें।