क्या कपालभाति बढ़ती उम्र में सेहत का सबसे आसान और असरदार मंत्र है?

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क्या कपालभाति बढ़ती उम्र में सेहत का सबसे आसान और असरदार मंत्र है?

सारांश

बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है। जानें कैसे कपालभाति प्राचीन प्राणायाम आपके जीवन को बदल सकता है। यह केवल एक योगासन नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारने का एक साधन है।

Key Takeaways

  • कपालभाति मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए प्रभावी है।
  • नियमित अभ्यास पाचन में सुधार करता है।
  • यह फैट जलाने में मदद करता है।
  • श्वसन मार्ग को साफ करता है।
  • इम्यूनिटी को बढ़ाता है।

नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है, और प्राणायाम को जीवन की ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना जाता है। इनमें से एक शक्तिशाली और अत्यधिक प्रिय अभ्यास है कपालभाति। संस्कृत में, 'कपाल' का अर्थ है मस्तिष्क या ललाट और 'भाति' का अर्थ है चमक या तेज

विशेषज्ञों का कहना है कि यह शरीर और मन को स्वस्थ रखने का एक प्रभावशाली तरीका है। यह न केवल कई बीमारियों से सुरक्षा करता है, बल्कि यह हमारी दैनिक जिंदगी को भी बेहतर बनाता है। यदि आप अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करना चाहते हैं, तो कपालभाति से बेहतर और कुछ नहीं है।

इसे करने का तरीका बहुत सरल है। पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें, अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और गहरी सांस लें। हल्के फोर्स से सांस बाहर छोड़ें और पेट पर ध्यान केंद्रित करें। पहले धीमी गति से करें, फिर अभ्यास के साथ गति बढ़ाएँ। प्रतिदिन कुछ मिनटों का अभ्यास करें, और परिणाम स्वयं अनुभव करें!

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी इस बात की पुष्टि करता है कि यदि कपालभाति को सही तरीके से किया जाए, तो यह न केवल आपके दिमाग को शांत करता है, बल्कि कई बीमारियों को भी दूर करता है। यह 20 प्रकार के कफ विकारों को समाप्त करता है, पाचन में सुधार करता है, श्वसन मार्ग को साफ करता है, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, रक्त संचार में सुधार करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

कपालभाति पेट के अंगों को सक्रिय करता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है और फैट को तेजी से जलाने में मदद करता है। नियमित रूप से करने से पेट फ्लैट रहता है और वजन नियंत्रित रहता है। यह शरीर के अंदर की सफाई करता है और फेफड़ों तथा पाचन तंत्र से गंदगी को बाहर निकालता है। इसके साथ ही, इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है।

नियमित अभ्यास से 15 दिनों में परिणाम दिखना शुरू हो जाएगा, लेकिन यह ध्यान रहे कि गर्भवती महिलाएं और हर्निया या सर्जरी के मरीज इस आसन को करने से बचें या डॉक्टर से सलाह लें।

Point of View

हम हमेशा स्वास्थ्य और कल्याण के महत्व को मानते हैं। कपालभाति जैसे प्राचीन प्राणायाम हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और इसे अपनाना एक समझदारी भरा कदम है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

कपालभाति करने का सही समय क्या है?
सुबह के समय, खाली पेट कपालभाति करना सबसे लाभकारी होता है।
क्या कपालभाति सभी के लिए सुरक्षित है?
गर्भवती महिलाएं और हर्निया या सर्जरी वाले मरीजों को इसे करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।