क्या जेएनयू में छात्रों ने बदलाव के लिए मतदान किया? एबीवीपी के पक्ष में जनसमर्थन

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क्या जेएनयू में छात्रों ने बदलाव के लिए मतदान किया? एबीवीपी के पक्ष में जनसमर्थन

सारांश

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के हालिया छात्रसंघ चुनाव में छात्रों ने एबीवीपी के पक्ष में मतदान कर वामपंथी राजनीति को नकार दिया। यह मतदान सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें कैसे एबीवीपी ने छात्रों के हितों को प्राथमिकता दी।

Key Takeaways

  • छात्रों ने एबीवीपी के पक्ष में मतदान करके बदलाव की ओर कदम बढ़ाया है।
  • वामपंथी दलों का लंबे समय से सत्ता में रहना अब चुनौती में है।
  • एबीवीपी ने सकारात्मक कार्यों के माध्यम से छात्रों के हितों को प्राथमिकता दी।

नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश के प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनाव में मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ। इस लोकतांत्रिक महापर्व में जेएनयू के सभी स्कूलों से छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पक्ष में मतदान किया, ताकि विश्वविद्यालय में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।

गौरतलब है कि जेएनयू छात्रसंघ में वामपंथी दल लंबे समय से हावी रहे हैं। इसके बावजूद, जेएनयू के छात्र अकादमिक कमियों, छात्रावास की सुविधाओं की कमी और खेलकूद के उपकरणों की अभाव जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जर्जर छात्रावास और शैक्षणिक कठिनाइयों से जूझते विद्यार्थी इसके स्पष्ट संकेत हैं। वामपंथी संगठनों ने लंबे समय तक छात्रसंघ में रहते हुए छात्रों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और जब भी सवाल उठाए गए, उनका उत्तर संवाद के बजाय हिंसा रहा।

हालांकि, पिछले वर्ष एबीवीपी के वैभव मीणा ने सह सचिव के पद पर जीत हासिल करके अपने कार्यकाल में सकारात्मक कदम उठाए। उन्होंने यू-स्पेशल बसें शुरू कीं और वर्षों से बंद रेलवे आरक्षण काउंटर को फिर से शुरू किया, जिससे एबीवीपी की कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता का परिचय मिलता है। यह दर्शाता है कि एबीवीपी वादों की राजनीति नहीं, बल्कि कार्य की राजनीति में विश्वास करती है।

इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, इस बार छात्रों ने वामपंथी राजनीति को नकारते हुए एबीवीपी के पक्ष में भारी मतदान किया है, ताकि जेएनयू में ऐसा छात्रसंघ स्थापित किया जा सके जो वास्तव में छात्रों के हितों की आवाज बने और उनके लिए सक्रिय रूप से कार्य करे।

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास पटेल ने कहा, “जेएनयूएसयू चुनाव में छात्रों का रुख अब स्पष्ट हो चुका है। वे वामपंथियों की छात्र हित और राष्ट्र हित के विरुद्ध राजनीति को नकार रहे हैं और एबीवीपी की संवाद, विकास और छात्र हित की राजनीति को स्वीकार कर रहे हैं। 6 नवंबर को यह रुख परिणामों में परिवर्तित होगा और जेएनयूएसयू को छात्र हित में एक नई दिशा देगा।”

Point of View

यह स्पष्ट है कि छात्रों ने अपनी आवाज को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एबीवीपी की कार्यकुशलता और वादों को देखते हुए, छात्रों का यह मतदान एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है। यह बदलाव केवल जेएनयू तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे देश में छात्रों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रेरणा बन सकता है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

जेएनयू में हालिया छात्रसंघ चुनाव में क्या हुआ?
हाल ही में जेएनयू के छात्रसंघ चुनाव में छात्रों ने एबीवीपी के पक्ष में मतदान किया, जिससे वामपंथी राजनीति को नकार दिया गया।
एबीवीपी ने क्या नए कदम उठाए?
एबीवीपी ने यू-स्पेशल बसें शुरू कीं और रेलवे आरक्षण काउंटर को फिर से खोला, जो उनकी कार्यकुशलता का परिचायक है।