क्या धर्म और सेहत का कार्तिक मास से है कनेक्शन? जानें आयुर्वेद में क्या लिखा है!

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क्या धर्म और सेहत का कार्तिक मास से है कनेक्शन? जानें आयुर्वेद में क्या लिखा है!

सारांश

कार्तिक मास, जो कि 5 नवंबर 2025 तक रहेगा, धर्म और सेहत दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस महीने के दौरान किए गए दान और त्यौहारों का प्रभाव पीढ़ियों तक रहता है। जानें इस महीने का महत्व और आयुर्वेद के अनुसार क्या करें और क्या न करें।

Key Takeaways

  • कार्तिक मास में गंगा स्नान करना शुभ है।
  • दान-पुण्य से पाप कम होते हैं।
  • त्योहारों का यह महीना धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  • आयुर्वेद में सेहत के लिए विशेष आहार बताया गया है।
  • दीपदान से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बुधवार से कार्तिक मास का महीना प्रारंभ हो चुका है, जो 5 नवंबर 2025 तक चलेगा। धर्म और सेहत, दोनों के लिहाज से यह महीना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है।

कार्तिक मास को त्योहारों का महीना माना जाता है और इस महीने किए गए दान-पुण्य पीढ़ियों तक के पापों को समाप्त कर सकते हैं। इस माह में देवशयनी एकादशी, दीपावली, धनतेरस, करवा चौथ, अहोई व्रत, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा, गोपाष्टमी, अक्षय नवमी, तुलसी विवाह, और देव दिवाली जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं।

यह माना जाता है कि कार्तिक मास में गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। गंगा स्नान के बाद अनाज, फल, कपड़े और आवश्यक वस्तुओं का दान करना शुभ रहता है। यदि घाट तक नहीं जा सकते, तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। इसके अलावा, इस महीने दीपदान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। दीपदान से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि लाती हैं। इसके साथ ही, यह मोक्ष और पापों से मुक्ति दिलाता है, विशेषकर राहु-केतु और यम के नकारात्मक प्रभावों से छुटकारा दिलाता है।

कार्तिक मास को संक्रमण का महीना भी कहते हैं क्योंकि इस महीने मौसम में बदलाव होता है और कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। इस मौसम में बुखार, एलर्जी, जुकाम, और सिरदर्द जैसी समस्याएं आम होती हैं। साथ ही, दिल्ली जैसे महानगरों में प्रदूषण भी बढ़ता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई और त्वचा से संबंधित रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

आयुर्वेद में कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इस पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस महीने में धन्वंतरि देवता प्रकट हुए थे और इस समय तुलसी का खाली पेट सेवन करना लाभदायक माना जाता है। तुलसी के सेवन से संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके साथ ही, सुबह उठकर हल्के गर्म पानी से स्नान करना भी आवश्यक होता है। कार्तिक मास में बैंगन, दही और उससे बने उत्पाद, करेला, फलिया और दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस महीने में जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों जैसे मूली, गाजर, शकरकंद और जिमीकंद का अधिक सेवन करना चाहिए। इन सब्जियों पर संक्रमण होने की संभावना कम होती है और ये शरीर को स्वस्थ रखती हैं।

Point of View

देशभर में कार्तिक मास की धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी मान्यताओं का पालन करने की सलाह दी जाती है। यह महीना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या कार्तिक मास में गंगा स्नान करना आवश्यक है?
हाँ, कार्तिक मास में गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है।
कौन से त्योहार कार्तिक मास में आते हैं?
कार्तिक मास में दीपावली, धनतेरस, करवा चौथ, और छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं।
क्या इस महीने में कुछ खास खाना चाहिए?
इस महीने में जमीन के नीचे उगने वाली सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
कैसे इस महीने में स्वास्थ्य को बनाए रखें?
हल्के गर्म पानी से स्नान करें और तुलसी का सेवन करें।
दीपदान का क्या महत्व है?
दीपदान से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।