क्या केरल में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है? तमिलनाडु ने जारी किए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
सारांश
Key Takeaways
- बर्ड फ्लू के मामलों से सुरक्षा उपायों की आवश्यकता बढ़ी है।
- तमिलनाडु ने सीमा पर निगरानी बढ़ाई है।
- बायोसिक्योरिटी उपायों का पालन आवश्यक है।
- स्वास्थ्य अधिकारियों ने सतर्क रहने की सलाह दी है।
- अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
चेन्नई, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल में एवियन इन्फ्लूएंजा (एच1एन1) के मामले सामने आने के बाद, तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने दोनों राज्यों की सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है और सुरक्षा उपायों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
हाल ही में, केरल के अलाप्पुझा और कोट्टायम जिलों से पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के अचानक मरने की रिपोर्ट आई थी। इसके बाद, केरल के पशुपालन विभाग ने मृत मुर्गियों के खून के नमूने पुणे की एक प्रयोगशाला में भेजे, जहां एच1एन1 एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि हुई। इस जानकारी के बाद, तमिलनाडु में आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
केरल सरकार ने प्रकोप के क्षेत्रों में आवश्यक उपायों को लागू करने पर जोर दिया है।
सुरक्षा के तहत, तमिलनाडु के अधिकारियों ने अंतर-राज्यीय सीमा पर निगरानी को और सुदृढ़ करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जन स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन को केरल से आने वाले मुख्य प्रवेश बिंदुओं पर चेक-पोस्ट स्थापित करने और वाहनों की जांच करने का आदेश दिया है। केरल से आने वाले वाहनों को बायोसिक्योरिटी उपायों के तहत डिसइंफेक्ट किया जाएगा।
अधिकारी बताते हैं कि कोयंबटूर, नीलगिरी, थेनी, कन्याकुमारी और तेनकासी जिलों में विशेष निगरानी के आदेश दिए गए हैं; ये सभी जिले केरल के साथ सीमा साझा करते हैं।
स्वास्थ्य टीमों को केरल से तमिलनाडु में प्रवेश करने वाले वाहनों (जिनमें मुर्गी, पशुधन और कृषि उत्पाद शामिल हैं) पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
जन स्वास्थ्य विभाग ने सबरीमाला तीर्थयात्रा सीजन के मद्देनजर विशेष सलाह भी जारी की है। केरल से लौटने वाले श्रद्धालुओं से सतर्क रहने को कहा गया है। उनसे अपील की गई है कि अगर उन्हें बुखार, सांस लेने में दिक्कत या फ्लू जैसे लक्षण हो, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।
जिन जिलों में पोल्ट्री फार्म की संख्या अधिक है, जैसे नमक्कल, वहां अधिकारियों को पशुपालन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
पशु चिकित्सकों को मुर्गियों के स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी रखने, असामान्य मौतों की तुरंत रिपोर्ट करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि फार्म स्तर पर बायोसिक्योरिटी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सख्त निवारक उपायों और प्रारंभिक पहचान की आवश्यकता पर जोर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आगे की कार्रवाई फील्ड-लेवल की निगरानी और अंतर-विभागीय समन्वय से मिली जानकारी के आधार पर तय की जाएगी।
राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोल्ट्री क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और कहा है कि एवियन इन्फ्लूएंजा को तमिलनाडु में फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।