क्या बुजुर्गों के लिए कुर्सी योग एक अनमोल सौगात है?

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क्या बुजुर्गों के लिए कुर्सी योग एक अनमोल सौगात है?

सारांश

बुजुर्गों के लिए कुर्सी योग एक विशेष अभ्यास है, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। जानें कुर्सी योग के लाभ और सावधानियाँ।

Key Takeaways

  • कुर्सी योग बुजुर्गों के लिए एक सरल और सुरक्षित विकल्प है।
  • यह शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  • मानसिक शांति के लिए प्रभावी है।
  • जोड़ों की जकड़न कम करता है।
  • सांस लेने की तकनीक में मदद करता है।

नई दिल्ली, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। उम्र के बढ़ने के साथ शारीरिक गतिशीलता और संतुलन में कमी आना सामान्य है। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं है कि हमें योग से दूर रहना चाहिए। इस स्थिति में, बुजुर्गों के लिए सरलता से किया जाने वाला कुर्सी योग एक अनमोल उपहार के समान है।

कुर्सी योग बुजुर्गों के लिए एक वरदान बन चुका है। यह योग, कुर्सी का सहारा लेकर उन लोगों को स्थिरता प्रदान करता है, जो उम्र बढ़ने के कारण परेशान हैं, जिससे पारंपरिक योग आसनों को सरल और सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है।

इस अभ्यास में आसन, सांस लेने की तकनीक (प्राणायाम) और ध्यान कुर्सी पर बैठकर या उसका सहारा लेकर किया जाता है। यह उन व्यक्तियों के लिए आदर्श है, जो फर्श पर बैठने या उठने में असमर्थ हैं, संतुलन बनाए रखने में कठिनाई महसूस करते हैं या जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की कमजोरी से जूझ रहे हैं। इस योग को घर, पार्क या अन्य स्थानों पर आसानी से किया जा सकता है, जिसके लिए केवल एक स्थिर कुर्सी की आवश्यकता होती है।

इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में कई लाभ देखने को मिलते हैं। यह जोड़ों की जकड़न को कम करता है, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और लचीलापन बढ़ाता है। सांस लेने की तकनीकों के माध्यम से, यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी कुर्सी योग प्रभावी है। बुजुर्ग बिना किसी जोखिम के सहजता से व्यायाम कर सकते हैं।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, कुर्सी योग की शुरुआत सरल आसनों जैसे कंधे और गर्दन की स्ट्रेचिंग, कुर्सी पर बैठकर पैरों की गति या सहारे के साथ खड़े होकर किए जाने वाले आसनों से की जा सकती है।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में इसे प्रारंभ करना अधिक लाभकारी होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सप्ताह में 2-3 बार 20-30 मिनट का अभ्यास भी पर्याप्त लाभ दे सकता है।

बैठकर किया जाने वाला योग न केवल बुजुर्गों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक सुरक्षित विकल्प है जो योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहते हैं। यह स्वास्थ्य और खुशहाली की दिशा में एक सरल, सुलभ और प्रभावी कदम है।

कुर्सी योग का अभ्यास करने से पहले कुछ सामान्य बातों पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए बिना पहियों वाली मजबूत कुर्सी का चुनाव करें। एक मजबूत सीट वाली कुर्सी चुनें जो अधिक गद्देदार न हो। कुर्सी की पीठ सीधी होनी चाहिए और उसकी ऊंचाई ऐसी होनी चाहिए कि पैर जमीन पर सपाट रख सकें।

Point of View

जो उनकी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक हो सकता है। इसे अपनाने से वे न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं। इस प्रकार के योग को अपने जीवन में शामिल करना एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

कुर्सी योग करने के लिए क्या सामग्री चाहिए?
कुर्सी योग करने के लिए बस एक स्थिर कुर्सी की आवश्यकता होती है।
कुर्सी योग के क्या लाभ हैं?
कुर्सी योग से जोड़ों की जकड़न कम होती है, मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और मानसिक शांति मिलती है।
कितने समय तक कुर्सी योग करना चाहिए?
सप्ताह में 2-3 बार 20-30 मिनट का अभ्यास करना पर्याप्त होता है।