क्या आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं? इन आयुर्वेदिक तरीकों से होगा कम
सारांश
Key Takeaways
- सुबह खाली पेट नींबू पानी पिएं।
- त्रिफला का सेवन करें।
- योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- हल्दीकाली मिर्च का आहार में उपयोग करें।
- सप्ताह में एक दिन हल्का डिटॉक्स करें।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वजन कम करना कोई तात्कालिक समाधान नहीं है, बल्कि यह शरीर के अंदर की पाचन अग्नि को संतुलित करने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। आयुर्वेद के अनुसार, मोटापा तब बढ़ता है जब हमारी अग्नि कमजोर पड़ जाती है और भोजन का सही पाचन नहीं होता। इस स्थिति में शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जो बाद में चर्बी के रूप में इकट्ठे होकर वजन बढ़ाने का कारण बनते हैं। इसलिए असली समाधान अग्नि को सुधारना, दिनचर्या को संतुलित करना और खाने की आदतों में सुधार करना है।
चरक संहिता में कहा गया है कि अधिक मीठा खाना, आलस्य, अधिक नींद और अनियमित जीवनशैली मेद को बढ़ाते हैं। मोटापा कई छोटी-छोटी गलत आदतों के कारण उत्पन्न होता है, जैसे दिनभर कुछ न कुछ खाते रहना, रात में देर तक जागना, ठंडे पेय पीना, अधिक समय बैठकर बिताना और ज्यादा तनाव लेना।
वजन कम करने के लिए सबसे पहले सुबह खाली पेट गुनगुना पानी नींबू के साथ पीना चाहिए, जिससे पाचन तेज होता है और शरीर हल्का महसूस करता है। रात को त्रिफला का सेवन पुराने टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर अग्नि को मजबूत करता है। खाने में हल्दी, काली मिर्च और सौंठ जैसी गरम तासीर वाली चीजें फायदेमंद होती हैं। रोज़ 30 मिनट की वॉक, आधे पेट भोजन और संतुलित उपवास को आयुर्वेद वजन घटाने के लिए सुनहरा नियम माना जाता है। आहार की बात करें तो सुबह दलिया या जौ का पानी, दोपहर में हल्का भोजन जैसे मूंग दाल और सब्जियां और रात में बहुत हल्का खाना, वह भी सोने से दो घंटे पहले।
कुछ सरल उपाय पाचन अग्नि को तेज करते हैं, जैसे भोजन से पहले थोड़ा अदरक-नमक, दिन में एक बार जीरा-धनिया-सौंफ का काढ़ा, सुबह आंवला या एलोवेरा जूस, पिप्पली-शहद और लेमन जिंजर चाय, ये सभी शरीर को अंदर से हल्का करते हैं और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं। दिनचर्या में जल्दी उठना, योग-प्राणायाम, स्क्रीन टाइम को कम करना और 7-8 घंटे की नींद बहुत आवश्यक है। सूर्य नमस्कार, कपालभाति, भस्त्रिका और पेट वाले योगासन चर्बी को तेजी से कम करते हैं।
सप्ताह में एक दिन हल्का डिटॉक्स जैसे सिर्फ सूप, फल या नारियल पानी शरीर को रीसेट करता है। हालाँकि, बहुत कठोर डाइटिंग फायदे के बजाय नुकसान पहुंचा सकती है।