क्या बार-बार खाने की आदत पाचन शक्ति को कमजोर कर रही है? आयुर्वेद में इसके नकारात्मक प्रभाव बताए गए हैं

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क्या बार-बार खाने की आदत पाचन शक्ति को कमजोर कर रही है? आयुर्वेद में इसके नकारात्मक प्रभाव बताए गए हैं

सारांश

आजकल लोग यह सोचते हैं कि बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाना सेहतमंद है, लेकिन क्या यह सच है? आयुर्वेद के अनुसार, यह आदत पाचन शक्ति को कमजोर कर सकती है। जानिए इसके नकारात्मक प्रभाव और सही खान-पान के बारे में।

Key Takeaways

  • भोजन के सही समय का ध्यान रखें।
  • दिन में 2 से 3 बार ही भोजन करें।
  • खाने के बाद पानी एक घंटे बाद पिएं।
  • भूख लगने पर ही खाना खाएं।
  • तनाव से दूर रहें।

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं है, बल्कि यह शरीर को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने का एक प्राकृतिक तरीका भी है।

दिन में तीन बार का भोजन शरीर के लिए अमृत के समान होता है और बीमारियों से बचाने में मदद करता है। लेकिन आजकल यह धारणा बन गई है कि थोड़ा-थोड़ा खाते रहना ही अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है, जो कि गलत है। आयुर्वेद में भोजन को संस्कार, साधना और शक्ति के साथ जोड़ा गया है।

आयुर्वेद का कहना है कि स्वास्थ्य का निर्माण भोजन की मात्रा से नहीं, बल्कि भोजन के समय से होता है। भोजन को पचने में समय लगता है और यदि इसके दौरान फिर से कुछ खा लिया जाता है, तो पेट की पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है। यह पाचन अग्नि निर्धारित करती है कि भोजन अच्छे से पचेगा या सड़ जाएगा। यदि पाचन अग्नि तेज है, तो भोजन पचाने में कोई समस्या नहीं आएगी। लेकिन जब यह कमजोर होती है, तो भोजन पेट में सड़ने लगता है, क्योंकि पेट के एंजाइम उसे अच्छे से तोड़ नहीं पाते।

इसके परिणामस्वरूप पेट संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे गैस, पेट का फूलना और कब्ज

अब सवाल यह है कि पेट की पाचन अग्नि कमजोर कैसे होती है। आयुर्वेद के अनुसार, बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाने की आदत पाचन शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इसके अलावा, बिना भूख के खाना, देर रात का भोजन और अत्यधिक तनाव भी पाचन शक्ति को कमजोर करता है। हर बार भोजन के बाद पाचन शक्ति को शांत होने में समय लगता है, और फिर से पाचन प्रक्रिया शुरू करने में ऊर्जा और समय दोनों लगते हैं। यदि आप थोड़ा-थोड़ा करके खाते हैं, तो नया भोजन पुराने भोजन में मिल जाता है और आधा पाचन रस ही रक्त में मिल जाता है, क्योंकि पहले का भोजन अभी तक पचा नहीं था।

इससे शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव शुरू होता है, जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है, हॉर्मोन असंतुलित हो जाते हैं, और एसिडिटी, गैस, एवं त्वचा

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। आयुर्वेद के अनुसार, खान-पान की आदतें हमारे पाचन स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती हैं। हमें नियमित रूप से भोजन करना चाहिए और अपने शरीर की जरूरतों के अनुसार ही खाना चाहिए।
NationPress
06/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या बार-बार खाने से पाचन शक्ति कमजोर होती है?
हाँ, आयुर्वेद के अनुसार बार-बार थोड़ा-थोड़ा खाना पाचन शक्ति को प्रभावित करता है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
भोजन के बीच में कितना समय होना चाहिए?
भोजन के बीच कम से कम तीन घंटे का अंतर होना चाहिए ताकि पाचन प्रक्रिया सही से हो सके।
क्या रात में खाना खाने से पाचन प्रभावित होता है?
हाँ, देर रात खाना खाने से पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है।
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