क्या दवाइयों पर टैरिफ लगाने से किसी को भी लाभ होगा? : डॉ. एनके गांगुली

सारांश
Key Takeaways
- भारत 80% जेनेरिक दवाइयों का उत्पादन करता है।
- टैरिफ से नुकसान उन देशों को होगा जो इसे लागू करते हैं।
- भारत में दवाइयों की कीमतें कम हैं।
- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना सस्ती दवाइयां प्रदान करती है।
- जीवनरक्षक दवाइयों का निर्माण भारत में होता है।
नई दिल्ली, १२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ युद्ध जारी है। अमेरिका ने भारत पर ५० फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है। इसका फार्मा सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस संदर्भ में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक डॉ. एनके गांगुली ने अपने विचार राष्ट्र प्रेस के माध्यम से साझा किए।
डॉ. एनके गांगुली ने कहा, "भारत का फार्मा सेक्टर दुनिया की ८० फीसदी जेनेरिक दवाइयों की आपूर्ति करता है।" दवा निर्माण के लिए भारत एक प्राइसिंग पॉलिसी को अनुसरण करता है, जिसके कारण भारत में दवाइयों की कीमतें कम हैं। यहां डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनेरिक ड्रग्स लिखने की नीति है। इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती हैं, जिससे लोगों को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध होती हैं। वहीं आप ऑनलाइन दवाइयां ऑर्डर भी कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत भी सस्ती दरों पर दवाइयां मिलती हैं।
उन्होंने कहा कि जो जीवनरक्षक दवाइयां जैसे कैंसर, एचआईवी आदि की दवाइयां हैं, उनकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में होती है, और उन पर भारत ने टैरिफ घटाया हुआ है। इस कारण, जिन देशों को इन दवाओं की आवश्यकता होती है, वे इन्हें आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
टैरिफ युद्ध पर डॉ. एनके गांगुली ने कहा, "दुनिया में यदि कोई भी देश टैरिफ बढ़ाता है तो उसे कोई लाभ नहीं होगा। क्योंकि नुकसान उसी देश को होगा। भारत ऐसा देश है जो सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराता है।"
उन्होंने बताया कि भारत के अलावा बहुत कम देश हैं जो ऐसी दवाइयां बनाते हैं। कई देश तो जेनेरिक दवाइयां भी नहीं बनाते क्योंकि इसके लिए मैनपावर, फैक्ट्री आदि की आवश्यकता होती है, जो विदेशों में महंगी होती है। ऐसे में, जेनेरिक ड्रग्स को दूसरे देशों से ही आयात किया जाता है।
डॉ. एनके गांगुली ने कहा कि इस टैरिफ से भारत को कोई नुकसान नहीं होगा। जो देश टैरिफ बढ़ाते हैं, उनका नुकसान होगा। क्योंकि भारत सबसे सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराता है और सबसे अधिक दवाइयों का उत्पादन करता है।