क्या एक शरीर में दो दिल रहते हैं? दूसरे का ख्याल रखना क्यों है जरूरी?

सारांश
Key Takeaways
- पैरों की मांसपेशियां 'दूसरा दिल' हैं।
- सीएमपी रक्त संचार के लिए महत्वपूर्ण है।
- लंबे समय तक बैठने से खून जमने का खतरा बढ़ता है।
- पैरों की मांसपेशियों का व्यायाम करना चाहिए।
- स्वास्थ्य के लिए पैरों का ध्यान रखना आवश्यक है।
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जब हम दिल की बात करते हैं, तो सबसे पहले उसी अंग का ख्याल आता है जो हमारे सीने में धड़कता है। यह दिन-रात अथक मेहनत करता है, खून को पंप करके जीवन को ऊर्जा देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर में एक और 'दिल' है, जो स्वास्थ्य के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है? यह दिल हमारे पैरों में होता है—हमारी पिंडलियों की मांसपेशियां, जिन्हें अंग्रेजी में काल्फ मसल्स कहा जाता है।
इन्हें चिकित्सा विज्ञान में अक्सर 'दूसरा दिल' कहा जाता है। लेकिन ऐसा क्यों?
हमारा हृदय पूरे शरीर में खून पहुंचाने का कार्य करता है, लेकिन जब खून पैरों में पहुंचता है, तो उसे वापस दिल की ओर लौटने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। यह कार्य आसान नहीं है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण हमेशा खून को नीचे की ओर खींचता है।
यहीं पर पिंडलियों की भूमिका आती है। जब हम चलते हैं, दौड़ते हैं, या केवल पैरों को हल्का-सा हिलाते हैं, तो पिंडलियों की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं। यह सिकुड़न नसों पर दबाव बनाती है और खून को ऊपर की ओर 'पंप' करती है—जैसे दिल धड़क कर खून को पंप करता है। इस प्रक्रिया को 'मसल पंप मैकेनिज्म' (सीएमपी) कहा जाता है, और यही कारण है कि इन मांसपेशियों को दूसरा दिल कहा गया है।
मेयो क्लीनिक के एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में सीएमपी की कार्यक्षमता कम थी, उनकी मृत्यु दर अधिक थी। अध्ययन में यह भी देखा गया कि सीएमपी की कमी कई बीमारियों की जड़ बन जाती है। २०२० में 'नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित शोध पत्र के अनुसार, यदि सीएमपी ठीक से काम नहीं करता है, तो आप कई बीमारियों के शिकार हो सकते हैं और हृदयाघात का खतरा भी बढ़ जाता है।
इस दूसरे दिल का सही से काम करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि यह सही से काम नहीं करता है, तो पैरों में खून जमने लगता है, जिससे सूजन, भारीपन, दर्द और वैरिकोज नसों जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक बैठे रहने या खड़े रहने पर जब हम पैरों को हिलाते नहीं हैं, तो ये समस्याएं और बढ़ जाती हैं। इसके अलावा, रक्त संचार में बाधा आने पर खून के थक्के बनने का खतरा भी बढ़ जाता है, जो फेफड़ों या दिल तक पहुंचकर जानलेवा हो सकते हैं।
अगली बार जब आप चलें, दौड़ें या सीढ़ियां चढ़ें तो एक पल के लिए रुकें और अपने पैरों पर ध्यान दें। उन्हें धन्यवाद दें क्योंकि वे आपको आगे बढ़ाने के साथ-साथ दिल का बोझ भी बांटते हैं!