क्या ‘इंडियन जिनसेंग’ शरीर और मन के लिए वरदान है? इन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी

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क्या ‘इंडियन जिनसेंग’ शरीर और मन के लिए वरदान है? इन लोगों को बरतनी चाहिए सावधानी

सारांश

क्या आप जानते हैं कि अश्वगंधा या ‘इंडियन जिनसेंग’ आपके शरीर और मन के लिए एक अद्भुत औषधि है? जानिए इसके लाभ और किन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

Key Takeaways

  • अश्वगंधा तनाव को कम करता है।
  • यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
  • यह ऊर्जा में सुधार करता है।
  • गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए।
  • हाइपरथाइरॉइड के मरीजों को भी ध्यान रखना चाहिए।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद की प्राचीन औषधि अश्वगंधा, जिसे ‘इंडियन जिनसेंग’ या ‘इंडियन विंटर चेरी’ (विथानिया सोम्नीफेरा) के नाम से जाना जाता है, शरीर और मन दोनों के लिए एक वरदान मानी जाती है। यह अद्भुत औषधि न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह औषधीय पौधा तनाव को कम करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और शारीरिक ऊर्जा में सुधार करने में सक्षम है। इसकी जड़ों की घोड़े जैसी गंध के कारण इसे अश्वगंधा नाम मिला। यह पौधा भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका में पाया जाता है और इसे सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।

अश्वगंधा के सेवन से अनेक लाभ होते हैं। यह एक एडाप्टोजेन है, जो तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को नियंत्रित करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है और नींद की गुणवत्ता को सुधारता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, जिससे सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों से लड़ने में सहायता मिलती है। विशेष रूप से व्यायाम करने वालों के लिए यह मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है।

सामान्य जनता के साथ ही डायबिटिज के मरीजों के लिए अश्वगंधा बहुत लाभकारी है। यह रक्त में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में सहायक है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। यह पाचन तंत्र को सुधारता है और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। अश्वगंधा चूर्ण को अदरक और तुलसी के साथ चाय में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। यह गले की खराश और बुखार जैसी समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है।

आयुर्वेद में अश्वगंधा के सेवन की विधि भी बताई गई है। इसके लिए चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर शहद या गुड़ के साथ लिया जा सकता है। साथ ही, अश्वगंधा, अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट उबालकर चाय के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।

अश्वगंधा उन लोगों के लिए वरदान है जो तनाव, कमजोरी और कमजोर इम्यूनिटी से जूझ रहे हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ कुछ लोगों को इसके सेवन में सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। यह थायराइड हार्मोन को प्रभावित कर सकता है, इसलिए हाइपरथाइरॉइड के मरीजों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। अश्वगंधा नींद को बढ़ा सकता है, जिससे दवाओं का प्रभाव बढ़ सकता है, अतः नींद की दवाएं लेने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। अधिक मात्रा में इसके सेवन से पेट में जलन या दस्त की समस्या हो सकती है।

Point of View

उसके नागरिकों की प्राथमिकता होती है। अश्वगंधा जैसे प्राकृतिक उपायों का उपयोग करके हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सभी को इसके सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर संवेदनशील समूहों को।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

अश्वगंधा क्या है?
अश्वगंधा एक प्राचीन औषधि है जिसे ‘इंडियन जिनसेंग’ या ‘इंडियन विंटर चेरी’ के नाम से जाना जाता है।
अश्वगंधा के क्या लाभ हैं?
अश्वगंधा तनाव को कम करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और ऊर्जा में सुधार करने में मदद करता है।
क्या गर्भवती महिलाएं अश्वगंधा ले सकती हैं?
गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या अश्वगंधा का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है?
नहीं, हाइपरथाइरॉइड के मरीजों को इसका सेवन करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
अश्वगंधा का सेवन कैसे करना चाहिए?
अश्वगंधा चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर या अदरक और तुलसी के साथ चाय में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।