क्या पैकेज्ड फूड है असली पावरहाउस? आयुर्वेद से जानें खाने का सही तरीका

सारांश
Key Takeaways
- मौसमी फल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
- फलों में फाइबर होता है, जो पाचन में मदद करता है।
- फल इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
- फलों में प्राकृतिक मिठास होती है, जो ऊर्जा देती है।
- आयुर्वेद के अनुसार, फल औषधि का काम करते हैं।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद में आहार को सबसे महत्वपूर्ण औषधि माना गया है। जिस प्रकार का भोजन हम ग्रहण करते हैं, वैसा ही हमारे स्वास्थ्य और मानसिकता पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, आयुर्वेद हमें ताजे और मौसमी फल-सब्जियां खाने की सलाह देता है।
मौसमी फलों का सेवन करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ये आसानी से पच जाते हैं। उदाहरण के लिए, गर्मियों में तरबूज, खरबूजा और आम शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन प्रदान करते हैं। वहीं, सर्दियों में संतरा, अमरूद और मौसमी जामुन हमारी इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
वर्षा ऋतु में जामुन और सीताफल पाचन संबंधी समस्याओं से रक्षा करते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद कहता है कि मौसमी भोजन ही सबसे पौष्टिक होता है।
आजकल की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में लोग अक्सर प्रोसेस्ड फूड या पैकेज्ड स्नैक्स का सेवन करते हैं। ये केवल कैलोरी प्रदान करते हैं, जीवनदायी ऊर्जा नहीं। इसके विपरीत, यदि हम नाश्ते में मौसमी फलों का सेवन करें तो हमें भरपूर विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और प्राकृतिक मिठास मिलती है। जैसे कि सुबह खाली पेट पपीता या सेब खाने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है और दिनभर हल्कापन और ताजगी बनी रहती है।
फलों का एक बड़ा गुण है, उनमें मौजूद फाइबर। यह पाचन को सही रखता है, शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और भूख को संतुलित बनाए रखता है।
इसके अलावा, फलों में प्राकृतिक मिठास होती है, जो धीरे-धीरे शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है और ब्लड शुगर को संतुलन में रखती है। यही वजह है कि फल खाने के बाद हमें सुस्ती नहीं आती, बल्कि मन और मस्तिष्क दोनों सक्रिय रहते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, फल केवल भोजन नहीं, बल्कि औषधि भी हैं। ये शरीर के दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने में मदद करते हैं। जैसे संतरा और अनार पित्त को संतुलित करते हैं, केला और चीकू वात को शांत करते हैं, जबकि नाशपाती और तरबूज कफ को कम करते हैं। इस प्रकार, फल हमारे स्वास्थ्य को समग्र रूप से सुधारने में सहायक होते हैं।
इसलिए, हमें अपनी दिनचर्या में सरल बदलाव करते हुए प्रोसेस्ड और पैकेज्ड नाश्ते के बजाय मौसमी फलों को अपनाना चाहिए। यह न केवल हमारे शरीर को हल्का और ऊर्जावान बनाता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और सकारात्मकता भी बढ़ाता है।