क्या लौंग एक खुशबूदार मसाला है जो वातनाशक और औषधीय गुणों से भरपूर है?

सारांश
Key Takeaways
- लौंग एक प्रभावी औषधीय जड़ी-बूटी है।
- इसके पाचन गुण अद्भुत हैं।
- सही मात्रा में सेवन करना आवश्यक है।
- गर्मी में सावधानी बरतें।
- लौंग का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लौंग एक ऐसा सुगंधित मसाला है जो न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी अत्यंत लाभकारी है। इसके औषधीय गुण, जैसे कि एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण, पाचन से जुड़ी अनेक समस्याओं का समाधान करते हैं।
चरक संहिता के अनुसार, लौंग एक वातनाशक और पाचनवर्धक जड़ी-बूटी है, जिसे गले की खराश, दांत दर्द और पाचन विकारों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। यह कफ और पित्त दोषों को भी संतुलित करने में सहायक है।
अगर आप नियमित रूप से सुबह और शाम खाने से पहले १ लौंग का सेवन करते हैं, तो यह मतली और उल्टी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। साथ ही, यह पेट में गैस, सूजन और अपच जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, लौंग में युजेनॉल नामक तत्व होता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह गले की खराश, सांस की बदबू और पाचन से संबंधित समस्याओं का समाधान करने में कारगर है। शोध में बताया गया है कि लौंग दांतों की समस्याओं में भी राहत देती है। एक-दो लौंग को चाय में डालकर या खाने में मसाले की तरह उपयोग करने से ये लाभ प्राप्त होते हैं।
लौंग की तासीर गर्म होती है, इसलिए आयुर्वेदाचार्य गर्मियों में इसके सेवन से परहेज करने की सलाह देते हैं, ताकि इसकी ऊष्णता संतुलित रहे।
विशेषज्ञों का मानना है कि एक-दो लौंग को चाय में डालने या भोजन में मसाले के रूप में इस्तेमाल करने से गर्मियों में भी लाभ मिल सकता है। यह गले की खराश, सांस की बदबू और पाचन संबंधी समस्याओं में राहत प्रदान कर सकता है।
हालांकि, लौंग के फायदे हैं, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए, विशेषकर गर्मियों में। यदि आपको पित्त की समस्या या अत्यधिक एसिडिटी है, तो लौंग का सेवन सावधानी से करें। किसी भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना हमेशा उचित होता है।