क्या एमपॉक्स अब वैश्विक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी नहीं है?

सारांश
Key Takeaways
- डब्ल्यूएचओ ने घोषणा की है कि एमपॉक्स अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।
- कांगो, बुरुंडी, और युगांडा जैसे देशों में मामलों में गिरावट आई है।
- हालांकि, अफ्रीका सीडीसी ने इसे महाद्वीपीय पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी माना है।
- छोटे बच्चों और एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।
जेनेवा, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स के संबंध में वैश्विक समुदाय को एक महत्वपूर्ण जानकारी दी है। पिछले साल अगस्त में अफ्रीका में एमपॉक्स के बढ़ते मामलों के कारण डब्ल्यूएचओ ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। अब, डब्ल्यूएचओ ने घोषणा की है कि एमपॉक्स अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी नहीं है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की आपातकालीन समिति हर तीन महीने में एमपॉक्स के प्रकोप की समीक्षा करती रही है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया, "शुक्रवार को समिति ने पुनः बैठक की और सलाह दी कि वर्तमान स्थिति अब इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी नहीं है। मैंने इस सलाह को मान लिया है।"
टेड्रोस ने कहा कि यह निर्णय कांगो, बुरुंडी, सिएरा लियोन, और युगांडा जैसे प्रभावित देशों में मामलों और मौतों में निरंतर कमी के आधार पर लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया, "हम संक्रमण के कारणों और गंभीर जोखिमों को बेहतर ढंग से समझ चुके हैं, और सबसे प्रभावित देशों ने भी अपनी रिस्पॉन्स कैपेसिटी विकसित कर ली है।"
हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया कि आपातकाल का हटना यह नहीं दर्शाता कि खतरा समाप्त हो गया है या हमारी प्रतिक्रिया रुक जाएगी। बताया गया कि अफ्रीका सीडीसी ने गुरुवारएमपॉक्स को अभी भी महाद्वीपीय पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी माना है।
बयान में कहा गया है कि नए प्रकोप और फ्लेयर-अप की संभावना बनी हुई है, जिसके लिए निरंतर मॉनिटरिंग और रिस्पॉन्स आवश्यक है। छोटे बच्चों और एचआईवी से प्रभावित लोगों के लिए खतरा सबसे अधिक है। इसलिए इनकी सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
एमपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। इसके प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, और लिम्फ नोड्स में सूजन शामिल हैं। इसके कारण बाद में चेहरे और शरीर पर दाने उभर आते हैं। अधिकांश संक्रमित व्यक्ति कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह बीमारी गंभीर हो सकती है या मृत्यु भी हो सकती है।
मई 2022 से, दुनिया भर में 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) ने गुरुवार को कहा कि एमपॉक्स अब भी एक 'महाद्वीपीय पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी' बना हुआ है। अफ्रीका के कई देशों में नए मामलों में तेजी आई है।
अफ्रीका सीडीसी ने एक बयान में कहा कि घाना, लाइबेरिया, केन्या, जाम्बिया, और तंजानिया जैसे देशों में एमपॉक्स के मामलों में नई लहर देखी जा रही है, भले ही पूरे महाद्वीप में साप्ताहिक पुष्ट मामलों में 52 प्रतिशत की गिरावट आई हो।