क्या आपके पैरों में खराब ब्लड सर्कुलेशन के संकेत हैं?

सारांश
Key Takeaways
- पैरों में सूजन और ठंडापन खराब ब्लड सर्कुलेशन के संकेत हैं।
- नियमित व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है।
- संतुलित डाइट भी महत्वपूर्ण है।
- लापरवाही से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- समय पर पहचान और ध्यान से स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारा शरीर एक मशीन की तरह कार्य करता है, और इस मशीन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रक्त है, जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन और आवश्यक पोषक तत्वों को पहुंचाता है। यदि खून का बहाव यानी ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाए या रुक जाए, तो इसका प्रभाव शरीर के कई हिस्सों पर देखा जा सकता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसकी शुरुआत अक्सर पैरों से होती है।
पैर, शरीर के अन्य अंगों की तुलना में सबसे दूर होते हैं, और यहीं पर खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षण सबसे पहले दिखाई देने लगते हैं। कई लोग इन संकेतों को सामान्य थकान या कमजोरी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह लापरवाही आगे चलकर बड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, नर्व डैमेज, या आर्टरी ब्लॉकेज जैसी गंभीर समस्याएं इसके पीछे हो सकती हैं। अगर समय पर ध्यान दिया जाए, तो इन बीमारियों को रोका जा सकता है और शरीर को ऊर्जा से भरपूर बनाया जा सकता है।
जब ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता है, तो पैरों और टखनों में सूजन आना शुरू हो जाती है। इस सूजन को दबाने पर स्किन में गड्ढा-सा बन जाता है, जो कुछ सेकंड तक रहता है। इसे मेडिकल भाषा में एडीमा कहा जाता है। सूजन का बढ़ना लंबे समय तक खड़े रहने या बैठे रहने से और भी बढ़ जाता है। इसका अर्थ है कि शरीर में फ्लूइड इकट्ठा हो रहा है, जो दिल, किडनी या नसों के कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
यदि आपके पैर हमेशा दूसरों के छूने पर बर्फपेरिफेरल आर्टरी डिजीज या थायरॉइड की समस्या भी इसके पीछे हो सकती है। ठंडे पैर खराब ब्लड सर्कुलेशन का स्पष्ट संकेत होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
अक्सर लोगों को सोते समय या हल्की व्यायाम करने पर पैरों में अचानक से उठने वाली ऐंठन का अनुभव होता है। यह ऐंठन तेज दर्द के साथ आती है और मांसपेशियों को जकड़ लेती है। यह इसलिए होता है क्योंकि मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और वे सिकुड़ने लगती हैं। खासकर पिंडलियों, जांघों या तलवों में यह ऐंठन ज्यादा होती है। इसे हल्के में लेना ठीक नहीं है, क्योंकि यह संकेत देता है कि खून का बहाव ठीक नहीं है।
इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहला उपाय है नियमित व्यायाम। रोजाना केवल 30 मिनट तेज चलना या हल्की दौड़ भी आपके दिल की सेहत को बेहतर बना सकती है। यह न केवल ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है, बल्कि नसों को भी मजबूत बनाता है।
पिंडलियों की मांसपेशियों को 'दूसरा दिल' कहा जाता है, क्योंकि यह खून को पैरों से दिल तक वापस भेजने का कार्य करती हैं। इन्हें मजबूत बनाने के लिए खास एक्सरसाइज करना आवश्यक है, जैसे 'टो राइज' यानी पंजों पर उठना।
इसके अलावा, डाइट का भी इसमें बड़ा योगदान है। खाने में नमक की मात्रा कम करें, क्योंकि इससे सूजन बढ़ सकती है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और बेरीज जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ ब्लड फ्लो को बेहतर बनाते हैं। प्रोसेस्ड और तला-भुना खाना आपकी नसों पर दबाव डाल सकता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन और खराब हो सकता है।