क्या पटना में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पर हुआ रक्तदान शिविर सफल?

सारांश
Key Takeaways
- पटना में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
- मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने भाग लिया।
- पिछले पांच वर्षों से यह शिविर लगातार आयोजित हो रहा है।
- रक्तदान से मरीजों की जान बचाने में मदद मिलती है।
- यह सामाजिक एकजुटता का प्रतीक है।
पटना, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के अवसर पर आईएएस भवन में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा और पुलिस महानिदेशक विनय कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस शिविर में लोगों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से लगातार यह रक्तदान शिविर आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान 750 लोगों ने रक्तदान किया, जिससे 900 से अधिक लोगों को इलाज में मदद मिली। इस बार शिविर का लक्ष्य 150 लोगों से रक्तदान करवाना है।
उन्होंने कहा, "लोगों में रक्तदान के प्रति उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा है। मैं मां ब्लड बैंक के प्रबंधक और सभी आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। यह मानवता की सेवा का एक बड़ा प्रयास है।"
उन्होंने यह भी बताया कि बढ़ती भागीदारी को देखते हुए अब बुनियादी ढांचे को और बेहतर करने की जरूरत है, जिस पर समिति विचार कर रही है।
पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस आयोजन को मानवता की सेवा का पवित्र कार्य बताया।
उन्होंने कहा, "इस बार सभी सेवाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों की बड़ी संख्या में भागीदारी देखने को मिल रही है। मुझे उम्मीद है कि इस बार पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रक्तदान होगा। हर साल इस आयोजन में लोगों की संख्या बढ़ रही है, जो एक सकारात्मक संकेत है।"
उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह प्रयास समाज के लिए प्रेरणादायक है।
शिविर में शामिल लोग रक्तदान के महत्व को समझते हुए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। मां ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य जांच और रक्तदान की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न किया गया। आयोजकों ने बताया कि रक्तदान से न केवल जरूरतमंद मरीजों की जान बचती है, बल्कि यह सामाजिक एकजुटता का भी प्रतीक है।